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ग़ाज़ीपुर की सब्जी को राष्ट्रीय पहचान देगा अंतर्राज्यीय बस अड्डा, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे करेगा मदद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में ग़ाज़ीपुर अग्रणी है। सर्दी हो या गर्मी, या फिर बरसात ही क्यों न हो, सभी मौसम में यहां के करईल क्षेत्र की सब्जी की काफी डिमांड रहती है। आम दिनों में यहां सड़क किनारे आढ़त लगती है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

करईल के आस-पास के इलाके भी सब्जी उत्पादन में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। अब यह सब्जी पखनपुरा में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का अंतर्राज्यीय बस अड्डा बनने से कई महानगरों में भेजी जाएगी।


पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के चालू हो जाने के बाद क्षेत्र के किसानों के दिन अब बहुरेंगे। किसान अपनी सब्जियों को पैदा कर स्थानीय बाजारों में ओने -पौने दाम पर बेचते थे। एक्सप्रेस-वे से लखनऊ, दिल्ली सहित अन्य महानगरों तक कम समय में अपनी सब्जियों को पहुंचा कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।


पूर्वांचल एक्सप्रेस- वे किसानों के लिए वरदान साबित होने वाला है। किसान इसे देखते हुए अपनी सब्जियों के रकबे को भी बढ़ा रहे हैं। परंपरागत खेती को छोड़कर किसान सब्जी की खेती में जुटे गए हैं। क्षेत्र के करईल और बांगर के किसान अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए व्यापक तरीके से सब्जी की खेती शुरू कर दी है।


देखा जाए तो मुहम्मदाबाद तहसील के 100 से अधिक गांवों के लगभग ढ़ाई हजार किसान लगभग पच्चीस हजार से तीस हजार बीघे में सब्जी की खेती शुरू किए हैं। इसमें 40 गांव के पंद्रह हजार किसान अकेले करईल क्षेत्र के हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का हब बनने के बाद यहां बिहार प्रांत के साथ ही बलिया के गड़हांचल, मऊ जनपद सहित आस-पास के हजारों किसान भी अपनी सब्जियों को यहां से भेजने का काम करेंगे।


देखा जाए तो अकेले करईल क्षेत्र में मिर्च की खेती ढाई हजार से तीन हजार बीघा, हरी मटर चार हजार बीघा, प्याज चार हजार बीघा , टमाटर पांच सौ बीघा, बैंगन लगभग दो सौ बीघा, गोभी तीन सौ बीघा, परवल चार सौ  बीघा और केला की खेती दो सौ बीघा में की जाती है। इसके साथ ही लौकी करेला भिंडी नेनुआ खीरा और मूली की भी खेती भी बड़े पैमाने पर होती है। सब्जियों की खेती करने वाले किसानों का मानना है यह पुर्वाचल एक्सप्रेस किसानों का भाग्य विधाता बनेगा।

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