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पूर्वांचल में बरसात से कहीं राहत तो कहींं आफत, धान की पिछेती फसल को नुकसान से किसान चिंतित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पूर्वांचल में बुधवार की दोपहर से ही रह रहकर कई जिलों में बूंंदाबांदी का दौर जारी है। वाराणसी जिले के आंचलिक क्षेत्रों से लेकर चंदौली और सोनभद्र आदि जिलों में काफी बरसात गुरुवार की सुबह तक दर्ज की गई है। मौसम विभाग की ओर से पूर्व में ही बादलों की सक्रियता की जानकारी साझा की गई थी। लिहाजा किसानों ने बारिश से बचने के लिए फसल को खलिहान से वापस सु‍रक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था इसके बाद भी धान की फसल व्‍यापक स्‍तर पर पूर्वांचल में प्रभावित हुई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बीच बारिश या बूंदाबांंदी का दौर आगे भी जारी रहने की उम्‍मीद है। 

दो दिनों में वाराणसी सहित मीरजापुर, सोनभद्र और चंदौली आदि जिलों में पर्याप्‍त बारिश दर्ज की गई है। बारिश की वजह से किसानों की खेत में तैयार धान की पिछेती फसल का नुकसान हुआ है। जबकि सब्जियों की फसल के लिए बरसात संजीवनी साबित हुई है। बारिश की वजह से फसलें जहां खेतों में लेट गई हैं तो खलिहान पहुंच चुकी फसल के दानों में भीगने से दोबारा अंकुरण का खतरा पैदा हो गया है। किसान अब बारिश के बाद पर्याप्‍त धूप की आस लगाए हैं ताकि फसल को नुकसान से बचाया जा सके। 

सोनभद्र के कई इलाकाें में बुधवार की पूरी रात बादल छाए रहे लेकिन बरसात नहीं हुई। सुबह करीब पांच बजे से हल्की बूंदाबांदी रही ताे दिन चढ़ने के साथ ही सुबह सात बजे से तेज बरसात होने लगी। दलहन-तिलहन की फसल को बरसात से किसानों के अनुसार काफी फायदा है लेकिन धान की फसल का बहुत बड़ा नुकसान हो गया है। 

पिछले वर्ष भी किसानों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ था इस साल धान की फसल अच्छी हुई तो प्रकृति की मार ने किसानों की मेहनत पा पानी फेर दिया। गुरुवार सुबह बारिश से किसानों के खलिहान में रखे फसल व खेत में कटाई कर छोड़ी गई फसल और खेत में खड़ी धान की फसल का हाल बेहाल देखकर किसान चिंतित हैं।

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