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प्रयागराज में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर परिवार के साथ टंकी पर चढ़े अधिवक्ता विजय सिंह ने कपड़ा जलाकर धमकाया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. 13 सूत्रीय मांगों को लेकर परिवार के साथ बेली पानी टंकी पर चढ़े हरदोई के अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह ने रविवार रात अपनी बात मनवाने के लिए पेट्रोल डालकर एक कपड़े में आग लगा दी। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। आननफानन एडीजी, आईजी, कमिश्नर, डीएम और डीआईजी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। 

एहतियातन पानी टंकी के चारों तरफ जाल बिछा दिया गया। लाइट लगा दी गई। इसके बाद अफसरों ने माइक से अधिवक्ता परिवार को समझाने की कोशिश की। हरदोई के डीएम से भी बात कराई, लेकिन इसके बाद भी परिवार नीचे नहीं आया। धमकी दी कि अगर उन्हें जबरदस्ती उतारने की कोशिश की गई तो जैसे कपड़ा जलाया है, उसी तरह आत्मदाह कर लेंगे।


अधिवक्ता विजय प्रताप का कहना था कि सीबीआई जांच का जब तक आर्डर नहीं मिल जाता, तब तक वह नीचे नहीं उतरेगा। इसके अलावा उसने हरदोई के डीएम और एसएसपी को मौके पर बुलाने की मांग की। रविवार रात में परिवार ने टंकी पर पेट्रोल डालकर किसी कपड़े में आग लगा दी। चर्चा रही कि कपड़े को नीचे फेंक दिया जिससे वहाँ रखा एक जाल जल गया। इस घटना के बाद उन्हें सुरक्षित उतारने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए। पहले तो फोन के माध्यम से अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह से बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन कोई हल नहीं निकला। आखिर में जल पुलिस, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम ने पानी टंकी के चारों तरफ जाल बिछाने का काम शुरू कर दिया।


रात 11:30 बजे एडीजी प्रेम प्रकाश ने माइक से अधिवक्ता परिवार को बताया कि यहां मीडिया मौजूद है। उनके परिवार से कोई एक सदस्य नीचे आ जाए और कागज देख ले। उनकी हर बात मान ली गई है। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने भी मनाने की पूरी कोशिश की। बावजूद इसके अधिवक्ता ने किसी की बात नहीं सुनी।


इनका कहना है

परिवार को नीचे उतारने का प्रयास किया जा रहा है। हर संभव प्रस्ताव दिया गया है। टीमें लगीं हैं। हरदोई के जिलाधिकारी से भी बात करा दी गई है। ऊपर छह लोग हैं, सभी का हित देखकर प्रयास जारी है। एनडीआरएफ को भी बुलाया गया है। - भानुचन्द्र गोस्वामी, डीएम


आधी रात को अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह ने कहा कि भूख हड़ताल के कारण उनके परिवार का एक सदस्य बीमार हो गया। यह सुनते ही एडीजी और डीएम ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। यह भी कहा कि किसी एक व्यक्ति को भेजकर उन्हें नीचे बुलाते हैं ताकि इलाज कराया जा सके लेकिन इसके लिए भी अधिवक्ता तैयार नहीं हुए। धमकी दी कि कोई भी ऊपर आया तो ठीक नहीं होगा।


आईजी केपी सिंह ने माइक से अधिवक्ता को बताया कि बीमार व्यक्ति की मदद के लिए डॉक्टरों की टीम नीचे आ गई है। एंबुलेंस भी खड़ी है। अगर वह नीचे नहीं आएंगे तो उनका इलाज कैसे होगा। लेकिन कोई जवाब देने की जगह वह शांत हो गया।


ड्रोन से की गई निगरानी

एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा ने अधिवक्ता परिवार की निगरानी करने के लिए ड्रोन भी मंगा लिया। ड्रोन की मदद से पानी टंकी के ऊपर की रिकॉर्डिंग की गई और पीड़ित परिवार पर नजर रखा जाने लगा। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही थी कि ऊपर का क्या माहौल है। आईजी केपी सिंह ने माइक से संबोधित करते हुए अधिवक्ता को बताया कि ड्रोन कैमरे की मदद से उसकी निगरानी की जा रही है। पीड़ित परिवार के साथ पुलिस और प्रशासन है.

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