कोरोना प्रोटोकॉल के बीच उप्र में हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई दिवाली
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में दिवाली का त्यौहार कोरोना के कड़े प्रोटोकॉल के बीच शनिवार को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। दिवाली पर लोगों ने शाम को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की और दिए जलाए तथा अन्य तरीकों से रोशनी की। अनेक इमारतें झालरों की रोशनी से जगमगाती नजर आईं। हालांकि प्रदूषण के कारण राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध की वजह से इन जिलों में पटाखे जलाने का सिलसिला काफी कम रहा।
पिछले वर्षों के विपरीत इस बार बाजारों में रौनक नहीं दिखी और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों ने बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से आमतौर पर परहेज किया। इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया समुदाय के लोगों के साथ दिवाली मनाई।
उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन में वनवासियों के बीच दीवाली मनाते हुए कहा कि गरीबों के चेहरे पर खुशहाली लाना ही दिवाली की सार्थकता है। संबोधन के दौरान वनटांगियों के लिए अपने संघर्ष को याद कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि देश को आजादी 1947 में ही मिल गई लेकिन वनटांगियों को वास्तविक आजादी पाने में उसके बाद भी 70 साल लग गए।
उन्होंने कहा कि वनटांगिया गांवों में लोग झोपड़ी में, ढिबरी की रोशनी में रहने को मजबूर थे। यहां सिर्फ गरीबी दिखती थी। वह यहां की समस्याओं से वाकिफ थे। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद इन वनवासियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया।