बलिया में दुर्जनपुर गोलीकांड में कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन, मृतक की पत्नी भी बैठी अनशन पर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. दुर्जनपुर गोलीकांड में पक्ष-विपक्ष के परिजनों की ओर से अनशन का दौर जारी है। कांड के मुख्य आरोपित धीरेंद्र सिंह की भाभी आशा प्रताप का पिछले 5 दिनों से जारी आमरण अनशन शनिवार को पुलिस के आश्वासन पर समाप्त हो गया। अब गोलीकांड में मृत जयप्रकाश पाल की पत्नी धर्मशीला देवी ने परिवार की आठ महिलाओं के साथ अपने दरवाजे पर मांगों को लेकर अनशन शुरू कर दिया है।
मृत जय प्रकाश के परिवार के लोगों को कहना है कि घटना के बाद प्रशासन ने पीडि़त परिवार को सांत्वना के साथ-साथ मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। घटना के डेढ़ माह बीत जाने के बाद तक मांगे पूरी नहीं हुई। फिर फर्जी मुकदमा कायम कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि 15 अक्टूबर को कोटा की दुकान आवंटन के समय हुई मारपीट तथा गोली चलने की घटना में जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की मौत हो गई थी।
मृतक की पत्नी की है यह मांग
मृतक की पत्नी धर्मशीला देवी की मांग है कि घटना के समय वायरल वीडियो फुटेज की निष्पक्षता पूर्वक जांच कर दोषियों के विरूद्ध रासुका की कार्रवाई की जाए। घटना के बाद हमारे आवास पर पहुंच कर हमारी मांगों को पूरा करने का जो अधिकारियों से आश्वासन मिला था, उसे पूरा किया जाए। हमारे पक्ष के लोगों के पर कायम किया गया फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए। आमरण अनशन पर चिंता देवी, शांति देवी, उर्मिला देवी, रिंकी, सुनीता, मुन्नी, फुलझरिया के अलावा पाल संगठन के रमेश पाल, राधा मोहन पाल, हरिशंकर पाल आदि उपस्थित रहे। अनशन मेें शामिल महिलाओं का यह भी कहना था कि तीन दिनों में यदि उनकी मांगों पर संतोष जनक पहल नहीं किया गया तो सभी जिलाधिकारी कार्यालय पर यह आमरण अनशन स्थानांतरित करने को बाध्य होंगी।
पुलिस के आश्वासन पर आशा ने समाप्त किया अनशन
दुर्जनपुर घटना के मुख्य आरोपित धीरेंद्र की भाभी आशा प्रताप का अनशन शुक्रवार की देर शाम प्रभारी निरीक्षक रेवती प्रवीण कुमार के आश्वासन पर समाप्त हो गया। उनकी मांग थी उनके घर के लोगों को घायल करने वालों पर भी कार्रवाई हो। महिला पुलिसकर्मी ने आशा प्रताप को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया। प्रभारी निरीक्षक ने आशा प्रताप को न्याय का भरोसा देते हुए कहा कि उचित कार्यवाही की जाएगी। इस मौके पर बैरिया एसएचओ संजय त्रिपाठी के अलावा आशा प्रताप के घर की महिलाएं आराधना, रेखा, सरोज, रूमा, चंद्रावती देवी, पूनम, सुखिया देवी व केसरी देवी सहित दर्जनभर महिलाएं मौजूद थी।