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कांग्रेस ने मनाया ‘विश्वासघात दिवस’, प्रमोद तिवारी ने कहा- मोदी सरकार संगठित लूट थी नोटबंदी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में रविवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश में नोटबंदी जनता, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, महिलाओं और युवाओं की आकांक्षाओं, इच्छाओं और उनके भविष्य के साथ विश्वासघात थी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की चौथी बरसी आठ नवंबर को कांग्रेस पूरे देश में ‘विश्वासघात दिवस’ मना रही है। यह विश्वासघात था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का जनता के साथ, अर्थव्यवस्था के साथ और भारत की सुरक्षा के साथ।

कांग्रेस मुख्यालय में प्रमोद तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नोटबंदी एक संगठित और वैधानिक लूट थी, जिससे देश की 125 करोड़ जनता की कमर टूट गई। अर्थव्यवस्था चैपट हो गई। एक झटके में की गई नोटबंदी से प्रधानमंत्री के कुछ पूंजीपति मित्रों और भाजपा को ही फायदा पहुंचा। उन्होंने उस समय राज्यसभा में दिये गए अपने भाषण को उद्धृत करते हुए कहा कि यह देश की जनता के साथ संगठित लूट थी।


उन्होंने पीएम मोदी के गोवा के मोपा एयरपोर्ट का शिलान्यास अवसर पर दिये गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि मेरे देशवासियों मुझे 50 दिन दे दो, बेनामी सम्पत्ति, भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद और नक्सलवाद की पूर्ण समाप्ति के लिए नोटबंदी अतिआवश्यक है। आप लोगों को जो पीड़ा और कष्ट इस दौरान झेलना पड़ रहा है, सारी स्थिति इन 50 दिनों में सुधर जाएगी। प्रमोद तिवारी ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी को याद दिला रही है कि 50 दिन तो छोड़ दीजिए चार साल बीत गए हैं, देश की अर्थव्यवस्था रसातल में है, इसलिए देश की जनता से नोटबंदी के लिए पीएम मोदी को माफी मांगनी चाहिए।


प्रमोद तिवारी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को जरूरी बताते हुए इसे आतंकवाद और नक्सलवाद के खात्मे के लिए बेहद जरूरी राष्ट्रहित का कदम बताया था, लेकिन ठीक इसके बाद पुलवामा की घटना होती है, जिसमें हमारे देश के चालीस नौजवान शहीद हुए। नोटबंदी के चार साल बीत जाने के बाद हमारे देश में सबसे ज्यादा शहादत आतंकवादी घटनाओं में हुई हैं।


नोटबंदी की वजह से ही देश 47 सालों में सर्वाधिक बेरोजगारी की स्थिति से गुजर रहा है। हमारी जीडीपी रसातल में पहुंच गई है। तिवारी ने कहा कि यह इतिहास में दर्ज है और इसे नकारा नहीं जा सकता कि 86.4 प्रतिशत की नोटबंदी इससे पहले तानाशाह गद्दाफी, मुसोलनी और हिटलर ने की थी। नोटबंदी का फैसला करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आपको इस कतार में खड़ा कर लिया है। यह मैं नहीं कह रहा हूं इतिहास में दर्ज है।

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