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वाराणसी से चोरी हुई थी मूर्ति, 100 साल बाद कनाडा से भारत लौट रहीं देवी अन्नपूर्णा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. काशी को जल्द ही देवी अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति वापस मिलने जा रही है। यह मूर्ति एक सदी पहले वाराणसी के घाट से चोरी हो गई थी। यह मूर्ति कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना में मिली थी। यह एक संयोग है कि 19 से 25 नवंबर तक वर्ल्ड हेरिटेज वीक की शुरुआत होने जा रही थी। इसी दौरान एक आर्टिस्ट की नजर मूर्ति पर पड़ी और उन्होंने इसका मुद्दा उठाया। मूर्ति अब भारत लाई जा रही है।

अन्नपूर्णा की मूर्ति (Idol of Annapoorna)
अन्नपूर्णा की प्रतिमा

मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना विश्वविद्यालय के संग्रह से अन्नपूर्णा की प्रतिमा को अंतरिम राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के उप-कुलपति थॉमस चेस, कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया के बीच 19 नवंबर को एक समारोह में दी गई। इस समारोह में मैकेंजी आर्ट गैलरी, ग्लोबल अफेयर्स कनाडा और कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।


प्रदर्शनी की तैयारी थी

आर्टिस्ट दिव्या मेहरा ने गैलरी के स्थाई कलेक्शन में पाया कि इस मूर्ति की वसीयत 1936 में मैकेंजी ने करवाई थी और गैलरी के संग्रह में जोड़ा गया था। इसके बाद इसका नाम रखा गया। दिव्या ने मुद्दा उठाया और कहा था कि यह अवैध रूप से कनाडा में लाई गई है।


ऐसी है मूर्ति

शोध में सामने आया कि मैकेंजी ने 1913 में भारत की यात्रा की थी। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति उसी के बाद यहां से कनाडा पहुंची। अन्नपूर्णा माता अपने एक हाथ में खीर और दूसरे में चम्मच लिए हुए हैं।

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