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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंवले के नीचे पारण कर तोड़ा एकादशी का व्रत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर पहुंच कर आंवले के पेड़ के नीचे पारण कर एकादशी का व्रत तोड़ा। कार्तिक शुक्ल एकादसी का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्रत रहते हैं। अगले दिन आंवले के पेड़ के नीचे पारण करते हैं। 

भारतीय सनातन संस्कृति का अनुपालन करते हुए उन्होंने सांसद रवि किशन शुक्ल, विधायक विपिन सिंह समेत मंदिर परिवार के सदस्यों एवं श्रद्धालुओं के साथ मठ के कार्यालय के सामने बने बगीचे में आंवले के पेड़ के नीचे पारण किया। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठने और भोजन करने से रोगों का नाश होता है।

मंदिर के प्रधान पुजारी द्वारिका तिवारी बताते हैं कि आंवले के वृक्ष की पूजा और इसके नीचे बैठकर भोजन करने की प्रथा की शुरूआत माता लक्ष्मी ने किया था। कथा है कि एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण करने आई। उनकी रास्ते में भगवान विष्णु एवं शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई। लक्ष्मी मां ने विचार किया कि एक साथ विष्णु और शिव की पूजा कैसे हो सकती है।

तभी उन्हें ख्याल आया कि तुलसी और बेल का गुण एक साथ आंवले में पाया जाता है। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है। बेल शिव को। इसलिए आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर मां लक्ष्मी ने आंवले की वृक्ष की पूजा की। पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आवले के वृक्ष के नीचे भोजन बना कर विष्णु और भगवान शिव को खिलाया। उसके बाद स्वयं भोजन किया। जिस दिन यह घटना हुई थी, उस दिन काíतक शुक्ल नवमी थी। तभी से यह परम्परा बनी हुई है।

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