गोरखपुर में खुलेगा प्रदेश का पहला 'आयुष विश्वविद्यालय', CM योगी जनवरी में करेंगे शिलान्यास
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के गोरखपुर में खुलने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनवरी 2021 के दूसरे पखवारे में इसके शिलान्यास की बात कही है। उन्होंने इसके पूर्व सभी तैयारियां पूरी कर लेने का निर्देश दिया है, ताकि निर्माण कार्य तत्काल शुरू किया जा सके। इसके लिए चौरीचौरा के मलमलिया गांव में 24.29 हेक्टेयर जमीन पहले ही चिह्नित कर ली गई है। उसे आयुष विभाग के नाम हस्तांतरित कर दिया गया है। निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया जा चुका है।
अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा छात्रों को
आयुष विश्वविद्यालय खुलने से यहां योग, आयुर्वेद, यूनानी, नेचुरोपैथी, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों की शिक्षा छात्र ले सकेंगे। उन्हें यह शिक्षा लेने के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इन पद्धतियों से उपचार के लिए अस्पतालों का भी निर्माण होगा। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि शीघ्र ही वेटनरी कालेज के लिए भी भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी।
गोरखपुर-बस्ती मंडल का चौथा विश्वविद्यालय
आयुष विश्वविद्यालय खुलते ही गोरखपुर-बस्ती मंडल में यह चौथा विश्वविद्यालय हो जाएगा। यह गोरखपुर का तीसरा विश्वविद्यालय होगा। गोरखपुर में अभी गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्यिगिकी विश्वविद्यालय पहले से ही मौजूद है। तीसरा आयुष विश्वविद्यालय होगा। बस्ती मंडल में भी एक विश्वविद्यालय है जो सिद्धार्थनगर में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के नाम से है। इस तरह से गोरखपुर-बस्ती मंडल में यह चौथा विश्वविद्यालय हो जाएगा। इससे साफ हो गया है कि अब पूर्वांचल के छात्रों को पढ़ने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
बताते चलें कि गोरखपुर में पहले एक ही विश्वविद्यालय था। गोरखपुर विश्वविद्यालय में अच्छी पढ़ाई हुआ करती थी। यहां पर इंजीनियरिंग कालेज था, जिसे मदन मोहन मालवीय के नाम पर विश्वविद्यालय बना दिया गया।