उप्र में 9700 करोड़ की निवेश परियोजनाओं से दो लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा है कि चार साल में उप्र देश में निवेश के लिहाज से ‘मोस्ट प्रिफर डेस्टिनेशन’ वाला राज्य बन गया है। 2017 से पहले इसे आखिरी विकल्प के तौर पर देखा जाता था। यही नहीं उस वक्त नेताओं की पर्चियों पर प्लाट आवंटित हो जाते थे। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में 9700 करोड़ की निवेश परियोजनाओं के लिए पूरी पारर्दिशता के साथ 1100 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया गया। इसी से 1.96 लाख लोगों को रोजगार मिलने जा रहा है।
सतीश महाना ने गुरुवार को औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार व सचिव नीना शर्मा के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी। श्री महाना ने कहा कि पहले कुल एमओयू के 12 या 13 प्रतिशत ही जमीन पर उतर पाते थे। अब तक 43 प्रतिशत एमओयू पर अमल शुरू हो गया है।
सबसे ज्यादा रोजगार यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में
निवेश परियोजनाओं में से 7,006 करोड़ रुपये के निवेश और 1,71,683 रोजगार की सम्भावना वाली परियोजनाओं के लिए 566 एकड़ (871 भूखण्ड) का आवंटन तो केवल यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा ही किया गया है। इनमें सेक्टर 29 और 33 में अपैरल पार्क (124 भूखण्ड), हस्तशिल्प पार्क (76 भूखण्ड), एमएसएमई पार्क (516 भूखण्ड) और खिलौना (टॉय) पार्क (111 भूखण्ड) के लिए किए गए आवंटन शामिल हैं।
यूपीसीडा ने 588 करोड़ रुपये के निवेश और 8,441 रोजगार की सम्भावना वाली परियोजनाओं के लिए लगभग 52 एकड़ (123 भूखण्ड) आवंटित किए हैं तथा नोएडा ने 1,341 करोड़ रुपये के निवेश और 14,500 रोजगार की सम्भावना वाली परियोजनाओं के लिए 92 एकड़ (101 भूखण्ड) आवंटित किए हैं।
सतीश महाना ने बताया कि वर्ष 2021 में लगभग 5,000 एकड़ के भूमि बैंक बनाया जाएगा। इसके तहत अगस्त-सितंबर में ही लक्ष्य का 13.67 प्रतिशत प्राप्त कर लिया है। एक्सप्रेस-वे के किनारे लगभग 22,000 एकड़ भूमि चिन्हित की है। एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप में मिश्रित भूमि उपयोग के लिए ज़ोनिंग नियमों में संशोधन की अनुमति दी गई है।
जेवर एयरपोर्ट 2023 तक चालू
सतीश महाना ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अगले साल फरवरी में चालू हो जाएगा। यह तीन साल में बन कर तैयार हो जाएगा। कोशिश है कि यह 2023 में चालू हो जाएगा।
इन जिलों में अमल में आई निवेश परियोजनाएं
गौतमबुद्ध नगर
गौतमबुद्धनगर में 10 हजार करोड़ से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने, 7429 करोड़ से वीवो मोबाइल, 2000 करोड़ से ओप्पो मोबाइल, 1772 करोड़ से हालीटेक इंडिया कंपनियां परियोजनाएं लगा चुकी हैं।
लखनऊ
लखनऊ में इंफ्रस्ट्रचर क्षेत्र में डिस्टेनी हास्पिटिलिटी सर्विस कंपनी ने 800 करोड़ का निवेश। खाद्य प्रसंस्करण में एसएलएमजी ने 300 करोड़ का निवेश किया है।
मिर्जापुर
मिर्जापुर में रिन्यूएबल इएनर्जी के क्षेत्र में एमप्लस कंपनी ने 281 करोड़ की परियोजना लगाई है।
कानपुर व कानपुर देहात
कानपुर प्लास्टीपैक ने कानपुर देहात में 200 करोड़ से टैक्सटाइल इंडस्ट्री लगाई है। कानपुर में 150 करोड़ से आर पी पलाय ने इसी क्षेत्र में निवेश किया है।