योगी सरकार ने उठाया कदम, सस्ती प्याज के लिए उत्तर प्रदेश में खुलेंगे सरकारी बिक्री केंद्र
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्याज के आसमान छूते दामों को थामने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद सरकार अब इसका बिक्री केन्द्र खोलने जा रही है। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए यूपी समेत अन्य राज्यों से प्याज की जरूरतों की जानकारी मांगी है। साथ ही राज्य सरकार से कहा है कि वह प्याज के खुदरा मूल्यों को नियंत्रित रखने के लिए कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी पर कड़ी नजर रखे।
एक ऑनलाइन बैठक के माध्यम से उपभोक्ता मामले के मंत्रालय के शीर्ष अफसरों ने बुधवार को यूपी के अफसरों को भरोसा दिलाया है कि नैफेड के माध्यम से प्रदेश की प्याज की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। साथ ही यह भी आश्वस्त किया है कि आने वाले समय में अगर प्याज की मांग को पूरा करने में कोई समस्या आती है तो प्याज का आयात कर जरूरतें पूरी की जाएगी।
मंत्रालय ने प्रदेश के अफसरों से इस बात की जानकारी मांगी है कि प्रदेश को कितनी मात्रा में प्याज की जरूरत है और इसे बेचने के लिए प्रदेश भर में कितने केन्द्र खोले जाएंगे। बैठक के बाद राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश औद्यानिक विपणन सहकारी संघ (हॉफेड) को इस बारे में तत्काल कार्ययोजना बनाने और उसकी तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि जल्द से जल्द प्याज बिक्री केन्द्र खोले जाने की तैयारियां शुरू की जा सके।
मौसम की मार से तबाह हुआ है प्याज
मौसम की मार के कारण देश के तीन प्रमुख राज्यों मसलन महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश में प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में तो प्याज की खड़ी फसल भारी बारिश के कारण तबाह हो गई है। वहीं कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश में यह फसल में देरी हो गई है। नतीजा देश में मांग और आपूर्ति में लगातार अन्तर बढ़ता जा रहा है।
आढ़ती बाबू मोहम्मद का कहना है कि देश की प्रमुख प्याज मण्डियां जो महाराष्ट्र के लासलगांव, पीपलगांव व मनमाड में है में गुरूवार को 20,000 से 35,000 रुपये प्रति कुंतल तक रेट पहुंच चुका है जबकि 10 दिन पूर्व 15000 से 28000 कुंतल तक बिक रहा था। बकौल मोहम्मद अतीक, लखनऊ की प्याज की प्रमुख थोक मण्डी में आज प्याज का मूल्य 15,000 से 32,000 रुपये प्रति कुंतल रहा।
यूपी में बहुत कम होता है प्याज का उत्पादन
प्रदेश में बमुश्किल 30,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती हो रही है जबकि उत्पादन करीब 4, 40,000 टन है जो यहां की जरूरत के हिसाब से काफी कम है। प्रदेश के फतेहपुर, जालौन, झांसी, बांदा, ललितपुर, चित्रकूट, बदायूं, गाजीपुर तथा चन्दौली जिले में प्रमुख रूप से प्याज की खेती होती है। प्रदेश की प्याज की मांगों की पूर्ति महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश से होती है।