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गैंगरेप पीड़िता के गांव में मीडिया की इंट्री पर रोक, वकील सीमा को भी जाने से रोका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, हाथरस. हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के तीसरे दिन भी गहमागहमी रही। पश्चिम पंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी पीड़ित परिवार के पास पहुंचने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें गांव के बाहर रोक दिया। गांव से करीब एक किलोमीटर पहले सख्त पहरा बैठाकर आम लोगों व मीडिया को गांव से दूर रखा गया। सुबह से प्रदर्शनकारी, पीड़ित परिवार को सांत्वना देने आने वाले लोगों को एक कदम भी बढ़ने नहीं दिया गया।  निर्भया का केस लड़ने वाली अधिवक्ता सीमा कुशवाहा पीड़ित परिवार से मिलने बूलगढ़ी जाना चाहती थीं। उन्हें गांव के मोड़ पर चंदपा के पास पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। रोक की वजह न बता पाने पर एडीएम से उनकी बहस हुई। एडीएम पर सीमा कुशवाहा ने तीखी नाराजगी जताई। 

एक दिन पहले तक पीड़िता के घर से सीधा प्रसारण दिखाने वाली मीडिया भी गांव के बाहर रही। पुलिस ने जाने नहीं दिया। आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर चंदपा गांव के पास बूलगढ़ी मोड़ पर ही दिन भी जमावड़ा रहा। गांव में सुबह ही एसआईटी पहुंच गई थी। कई घंटे तक पूछताछ चली। मीडिया तक गांव में प्रवेश नहीं मिलने के सवाल पर डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार का कहना था कि एसआईटी  गांव में जांच कर रही थी। उसकी गोपनीयता भी जरूरी है। कुछ पुलिसवालों  में कोरोना के लक्षण नजर आए थे। इस कारण प्रवेश रोक दिया गया था। इसके सिवाए कोई बड़ी वजह नहीं थी।

 

निर्भया का केस लड़ने वाली सीमा ने जताई नाराजगी :  

निर्भया का केस लड़ने वाली अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने बताया कि पुलिस प्रशासन यहां उन्हें रोकने की वजह नहीं बता रहे। कहा,  इनके पास बताने की वजह नहीं है। ये अपने क्षेत्र के निरंकुश राजा हैं। गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें मर्यादा सिखा रहे थे, यही मर्यादा उन लड़कों को सिखा देते तो यह घटना नहीं होगी। सीमा ने बताया कि पीड़ित परिवार से उनकी बात हो चुकी है। पीड़िता से वह सफदरजंग अस्पताल में भी मिलने जा रही थी, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। अधिवक्ता ने पूछा कि परिवार से मिलने पर क्या लॉ एंड ऑर्डर फेल होगा।

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