वैष्णो देवी सहित उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलेंगी विशेष ट्रेनें, हरियाणा व पंजाब से भी कई
Indian Railway News: त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए रेलवे अब विशेष ट्रेनें चलाएगा। इसके लिए रेलवे ने सभी रेल मंडलों से सुझाव मांगें हैं। इन ट्रेनों का किराया सामान्य ट्रेनों की अपेक्षा कुछ अधिक हो सकता है। हरियाणा की बात करें तो यहां से नई दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी की तर्ज पर और चंडीगढ़ से लखनऊ, चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़, चंडीगढ़ से वाया सहारनपुर-मुरादाबाद होते हुए बिहार और वैष्णो देवी के लिए ट्रेनों को चलाने पर विचार हो रहा है।
त्योहारों को देखते हुए रेलवे ने मंडलों से मांगे सुझाव, शताब्दी व राजधानी चलाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव
गौरतलब है कि रेलवे दशहरा, दीपावली और छठ पूजा के त्योहार को देखते हुए हर साल स्पेशल ट्रेनें चलाता है। लेकिन इस बार पहले की तुलना में सामान्य ट्रेनों की संख्या भी कम हैं, इसलिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की आवश्यकता कुछ अधिक महसूस की जा रही हैं। इस कारण रेलवे बोर्ड ने सभी मंडलों के कामर्शियल विभागों से किस-किस रूट पर और ट्रेनें चलाई जा सकती है, इसका ब्योरा मांगा है।
मौजूदा समय में जो ट्रेनें चल रही है, उनमें यात्रियों की संख्या कितनी होती है और कितनी नई ट्रेनें चल सकती है, इसकी भी विस्तार से जानकारी मांगी गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर ही रेल मंत्रालय नई ट्रेनों को पटरी पर उतारेगा। मंडलों ने भी रेलवे बोर्ड को ट्रेनें चलाने को लेकर बता दिया कि उनकी तैयारी पूरी है।
ट्रेनें न चलने से रेलवे को घाटा
कोरोना काल में ट्रेनों के पहिये थम जाने के कारण रेलवे को करोड़ों रुपयों का नुकसान हो चुका है। इस दौरान करीब पौने दो करोड़ टिकट रद होने से यात्रियों को रिफंड के रूप में लगभग 2730 करोड़ रुपये लौटाने पड़े हैैं। इससे 2019-20 की तुलना में राजस्व घट गया है। हालांकि 21 सितंबर से क्लोन ट्रेनें (उसी रूट पर चलने वाली ट्रेन के रूप में चलने वाली दूसरी ट्रेन) रेलवे ने चलाई हैैं, जिसमें कन्फर्म टिकट वालों को ही ट्रेन में प्रवेश करने दिया जाता।
इन ट्रेनों में भी रिकार्ड तोड़ वेटिंग टिकट कराए जा रहे हैैं। बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाली ट्रेनों में वेटिंग तीन सौ पार हो चुका है। स्लीपर क्लास हो या फिर एसी थर्ड दोनों में जबरदस्त वेटिंग है। रेलवे को उम्मीद है कि ये ट्रेनें उसकी आय बढ़ाने में सहायक होंगी।