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किसानों से बात करने काशी पहुंचीं स्मृति ईरानी,हाथरस कांड पर हुआ विरोध

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि विपक्षी कांग्रेस ने 2019 में अपने चुनाव घोषणापत्र में कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) कानून को हटाने की बात कही थी लेकिन अब उनका दोहरापन सामने आ गया है। किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से नए कानून पर विचार-विमर्श करने वाराणसी पहुंचीं केंद्रीय मंत्री ईरानी का सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हाथरस की घटना को लेकर विरोध किया।

ईरानी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने संसद में और संसद के बाहर यह जाहिर किया है कि वह एपीएमसी कानून को हाथ नहीं लगाएगी। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी का 2013 का एक व्यक्तव्य सार्वजनिक रूप से मौजूद है जिसमें उन्होंने एपीएमसी हटाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का दोहरापन जनता के सामने आ चुका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 70 साल में पहली बार किसानों को आजादी मिली है। किसान अपनी फसल पहले चिह्नित व्यापारी को ही बेच पाता था। अब देश का किसान कभी भी अपनी फसल किसी को भी बेच सकता है। 


हाथरस की घटना पर ईरानी ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। हाथरस में पीड़िता का अंतिम संस्कार रात में किये जाने के मामले में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''मैं महिला आयोग के मामले में हस्तक्षेप नहीं करती। पीड़िता को न्याय मिलेगा, मैंने खुद मुख्यमंत्री से बात की है। एसआईटी की रिपोर्ट आने पर मुख्यमंत्री दोषियों पर कार्रवाई करेंगे। ईरानी शहंशाहपुर में बने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में नए कृषि कानून पर चर्चा करने के लिए वाराणसी पहुंची हैं।


केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के यहां पहुंचने पर समाजवादी पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने हाथरस की घटना के मुद्दे पर उनका विरोध किया।  कुछ देर के विरोध प्रदर्शन के बाद स्मृति ईरानी ने वार्ता के लिए महिला कार्यकर्ताओं को बुलाया और उनसे कहा कि सभी की बात सुनी जाएगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आगमन पर सरकार विरोधी नारे लगाये और प्रदर्शन किया। लखनऊ में कांग्रेस प्रवक्ता लल्लन कुमार ने बताया कि शनिवार को वाराणसी पहुंचीं ईरानी के काफिले के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं ने 'स्मृति ईरानी वापस जाओ' और 'स्मृति ईरानी इस्तीफा दो' के नारे लगाए।कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री के काफिले को रोककर उनसे हाथरस कांड की पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग की। कार्यकर्ताओं ने उन्हें नारे लिखे बैनर भी दिखाए।   कुमार ने बताया कि विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को बाद में हिरासत में ले लिया गया।

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