Today Breaking News

बनारस के श्रवण कुमार : तीसरी बार बनारस में अपनी मां को डोली में बैठाकर करा रहे पंचकोसी यात्रा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. इस कलियुग में धन की लालसा में कई पुत्र अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं तो कुछ घर में ही यातना देने जैसा व्यवहार करते हैं। उसी पीढ़ी के बनारस के चौक निवासी शिवेष मिश्रा भी हैं जो अपनी 95 वर्षीय माता सुशीला को तीसरी बार अपने दोस्तों के साथ मिलकर पंचकोसी यात्रा करा रहे हैं। उनका मानना है कि भगवान को तो देखा नहीं, लेकिन आज हम जो भी कुछ हैं ये माता-पिता की देन है और इन्हीं को भगवान मानकर सेवा करते हैं जिससे आत्मा संतुष्ट होती है।

बनारस में भगवान राम के द्वारा वरुणा नदी की रेत से बने शिवलिंग रामेश्‍वर महादेव के अलावा पांच प्रमुख पड़ावों से होकर गुजरने वाली पंचकोसी यात्रा का दौर इन दिनों काशी में चल रहा है। नंगे पैर हर हर महादेव के नारों से पंचकोसी मार्ग गुलजार है। सभी की आस्‍था का कोई ओर छोर नहीं। इसी बीच हर हर बम बम करते कुछ लोगों की टोली बुजुर्ग महिला को लेकर गुजरते हुए महावीर मंदिर के पास से गुजरी तो लोगों ने हाथ जोड़कर ऐसे सपूत को नमन भी किया जो इस दौर में भी डोली में मां को रामेश्‍वर सहित पांचों पडावों से होकर यात्रा करा रहे हैं।


भगवान शिव पर अगाध आस्‍था के बीच बनारस के चौक निवासी शिवेष मिश्रा बताते हैं कि मां के बिना इंसान का अस्तित्‍व कहां है। पहले मां ठीक थीं तो पैर से चलकर यात्रा पूरी करती थीं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर जब उनको पैदल चलने में असुविधा हुई तो दोस्‍तों से चर्चा कर मां को साथ लेकर चलने का इरादा किया। तीन साल से मां को प्रतिवर्ष डोली में बिठाकर पंचकोसी यात्रा करा रहे हैं। मां सुशीला भी 95 साल की इस उम्र में आस्‍थावश बेटे और दोस्‍तों के प्रति स्‍नेह रखती हैं, बताती हैं कि बेटे और उसके दोस्‍तों की वजह से पंचकोसी यात्रा उम्र के इस पड़ाव पर भी संभव हो पा रही है।

'