मां विंध्यवासिनी धाम में मिला अब तक का सबसे कम चढ़ावा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, विंध्याचल. मां विंध्यवासिनी मंदिर में लगे आठ दानपात्रों से 12.76 लाख रुपये मिले। दानपात्रों की सुबह से देर शाम तक गिनती हुई। इसमें छह विंध्यवासिनी मंदिर, एक काली खोह मंदिर व एक अष्टभुजा मंदिर के दान पात्र शामिल हैं। बताया जा रहा है यह अब तक का सबसे कम चढ़ावा है।
दानपात्र नायब तहसीलदार उमेशचंद्र व श्री विंध्य पंडा समाज अध्यक्ष पंकज द्विवेदी, मंत्री भानु पाठक की निगरानी में खोला गया। दान पात्रों से निकले रुपयों की गिनती प्रशासनिक भवन में की गई। रुपयों की गिनती के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई। आठ दानपात्रों से कुल रूपए की गिनती के बाद 12 लाख 76 हजार 550 रूपए निकला। जिसको भारतीय स्टैट बैंक शाखा विंध्याचल में विंध्य विकास परिषद अध्यक्ष जिला अधिकारी के खाते में जमा कराया गया। इस दौरान श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष, विंध्य विकास परिषद के सदस्य राज मिश्रा, लेखपाल एवं अमीन दिनेश कुमार पाण्डेय, विजय शंकर दुबे, सुभाषचंद्र शुक्ला, ज्ञानेन्द्र पाठक, नरेश कुमार, महबूब आलम, मुकेश कुमार बिंद, रामसागर मिश्रा, अमरेशचंद्र यादव, राजेंद्र कुमार, छोटेलाल, देवेंद्र दत्त शुक्ला, रवींद्र प्रताप सिंह, भैयालाल, महेश राम आदि रहे।
कोरोना के चलते दानपात्र भी रहा खुला :
कोरोना के चलते लगभग आठ महीने बाद दानपात्र खुला। पिछले नवरात्र के पहले 11 फरवरी को खुला दानपात्र खुला था। लगभग आठ महीने पर दानपात्र से मात्र 12 लाख 76 हजार रुपये प्राप्त हुए। कोरोना के चलते आमदनी 25 प्रतिशत हुआ। सामान्य दिनों में हर तिमाही से 30-35 लाख निकलते थे।