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Ghazipur: रास नहीं आई आनलाइन पढ़ाई तो बच्चों के मोहल्ले में पहुंचा स्कूल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कोरोना काल में बंद चल रहे स्कूलों के कारण बच्चों को पढ़ाने के लिए एक से एक नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। बच्चों को आनलाइन पढ़ाई रास नहीं आई तो एक विद्यालय खुद उनके पास चला गया पढ़ाने के लिए, बिल्कुल उनके ही मोहल्ले में। यह अनूठा प्रयोग किया है प्राथमिक विद्यालय जलालाबाद के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार सिंह ने। पढ़ाई चलती रहे, इसके लिए वह बच्चों के मोहल्ले में जाकर क्लास चला रहे हैं। उन्होंने इसे 'मेरा विद्यालय मेरे घर' कार्यक्रम नाम दिया है। ये कक्षाएं बगीचे या किसी पेड़ की छांव में चलाई जा रही हैं। विद्यालय का यह अनूठा प्रयोग बच्चों और उनके अभिभावकों को खूब पसंद आ रहा है।

बनाए गए हैं 25 टीचिग प्वांइट

'मेरा विद्यालय मेरे घर' कार्यक्रम के तहत विद्यालय के सेवितक्षेत्र में कुल 25 टीचिग प्वाइंट बनाए गए हैं। यहां पर कक्षाएं सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक चलती हैं। प्रत्येक टीचिग प्वाइंट दो घंटे चलता है, सबकी टाइमिग अलग-अलग है। तय समय पर उक्त मोहल्ले के 20 से 25 बच्चे यहां पर एकत्र हो जाते हैं। बारी-बारी से दो शिक्षक जाते हैं और एक-एक घंटा पढ़ाते हैं। एक शिक्षक प्रतिदिन तीन टीचिग प्वाइंट पर जाता है। बच्चे अपने साथ लाए बोरी को जमीन पर बिछाकर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दूर-दूर कतार में बैठ जाते हैं। शिक्षक के लिए अपने घर से एक कुर्सी भी उठा लाते हैं। यहां पर पोर्टेबल व्हाइट बोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है।


खुश हैं अभिभावक

हमारे पास स्मार्ट फोन नहीं है। इसके चलते बच्चा नहीं पढ़ पाता था लेकिन अब शिक्षक खुद पढ़ाने आ रहे हैं। - राजकुमारी।


मोबाइल फोन से बच्चों की आंख पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनकी सेहत को लेकर हम लोग चितित थे लेकिन यह समस्या अब दूर हो गई। -तिलक।


मेहनती शिक्षकों की वजह से ही उनके बच्चे पढ़ पा रहे हैं, नहीं तो हम लोग कहां बच्चों को इतना महंगा मोबाइल दे पाएंगे। - मुन्ना।


विद्यालय की इस नई व्यवस्था से गरीब परिवार के बच्चे पढ़ पा रहे हैं। इससे उनकी सेहत भी मोबाइल के कारण खराब नहीं होगी। -राणा सिंह।


प्रदेश के टाप-10 में शामिल है यह स्कूल

प्राथमिक विद्यालय जलालाबाद अपनी व्यवस्था व अत्याधुनिक सुविधा के चलते प्रदेश के टाप-10 विद्यालयों में शामिल है। यहां 600 से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं और अगस्त में ही एडमिशन क्लोज का बोर्ड लटका दिया गया है। कांवेन्ट स्कूलों से अपना नाम कटवा कर इसमें प्रवेश लेने के लिए बच्चों में होड़ लगी रहती है। अभी इसी वर्ष फरवरी में इसे प्रदेश के उत्कृष्ट विद्यालय का पुरस्कार मिला है।


हम लोगों ने बच्चों को पहले आनलाइन पढ़ाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। मात्र कुछ को छोड़, अधिकतर बच्चे इससे वंचित हो जाते हैं। इससे सभी बच्चे आसानी से पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि साथ में आनलाइन पढ़ाई भी जारी है। मेरी टीम में आशुतोष सिंह, नीतिश राय, सुबोध यादव, मयंक यादव, प्रवीण त्रिपाठी, संतोष मिश्रा, मनोज कुमार, आलोक वर्मा, बिट्टू सिंह, पूजा व मंजू यादव हैं।- राकेश सिंह, प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय जलालाबाद।

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