उत्तर प्रदेश में मना सकेंगे त्योहार, कंटेनमेंट जोन के बाहर गतिविधियों को सशर्त मंजूरी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अक्टूबर से दिसंबर तक त्योहारी सीजन के दौरान कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। हालांकि इसके बाहर सरकार ने अनुमति दे दी है। कंटेनमेंट जोन से किसी भी आयोजक, कर्मचारी या विजिटर को आयोजन में आने की अनुमति भी नहीं होगी। रामलीला और दशहरा से संबंधित सामूहिक गतिविधियां यदि किसी बंद स्थान, हॉल या कमरे में होती हैं तो उसकी निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत या अधिकतम 200 व्यक्तियों को ही फेस मास्क, शारीरिक दूरी, थर्मल स्क्रीनिंग सैनिटाइजेशन व हैंड वॉश की उपलब्धता के साथ उसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
जारी गाइडलाइंस के अनुसार यदि यह गतिविधियां खुले स्थान या मैदान में होती हैं तो क्षेत्रफल के अनुसार कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। त्योहारों से जुड़ी गतिविधियों और कार्यक्रमों के दौरान कोविड-19 से बचाव व नियंत्रण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किये जाने के बाद शुक्रवार को यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने भी इस बाबत गाइडलाइंस जारी कर दी है।
इन्हें आयोजनों से बचने की सलाह : गाइडलाइंस में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों, गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है। आयोजकों और प्रबंधकों व उनके कार्मिकों पर भी यह लागू होगा।
हर आयोजन स्थल पर हो आइसोलेशन कक्ष : त्योहार से जुड़े कार्यक्रमों के दौरान किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेट करने के लिए प्रत्येक आयोजन स्थल पर एक आइसोलेशन कक्ष की व्यवस्था की जाएगी। आइसोलेशन के दौरान व्यक्ति मास्क या फेस कवर लगाए रखेगा जब तक कि डॉक्टर उसका परीक्षण न कर लें। कोविड के लक्षण दिखने पर या स्वास्थ्य में और गिरावट आने पर उसे निकटतम अस्पताल में भेजा जाएगा तथा जिला या स्टेट हेल्पलाइन को सूचित किया जाएगा।
तैयार किया जाएगा विस्तृत साइट प्लान, संक्रमण रोकने पर जोर : इन आयोजनों के लिए स्थल पहले से चिन्हित कर उनकी सीमा तय तय करते हुए विस्तृत साइट प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया है जिससे छह फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखने, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन में सुविधा हो। कार्यक्रम स्थल पर अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग उपकरणों की पर्याप्त आपूर्ति होगी तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर गोले बनाए जाएंगे। प्रवेश द्वार पर ही हैंड सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश और निकास के अलग-अलग और यथासंभव एक से ज्यादा रास्ते होंगे। उन्हीं स्टाफ और दर्शकों को प्रवेश दिया जाएगा जिनमें कोविड के किसी प्रकार के लक्षण नहीं होंगे। सभी स्टाफ व दर्शकों के लिए फेस कवर/मास्क पहनना अनिवार्य होगा और कार्यक्रम स्थल के अंदर व बाहर उन्हें शारीरिक दूरी बनाए रखनी होगी। खांसते-छींकते समय मुंह व नाक पर टिशू पेपर या रूमाल रखना होगा। सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर सख्ती से प्रतिबंध होगा। धार्मिक आयोजनों के लिए नोएडा व लखनऊ में पुलिस कमिश्नर और अन्य जिलों में डीएम की पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगी।
आयोजकों पर जिम्मेदारी : शारीरिक दूरी और अन्य सुरक्षात्मक उपायों की निगरानी के लिए आयोजकों को पर्याप्त मैनपावर तैनात करना होगा। आयोजकों को अपने स्टाफ के लिए फेस कवर/ मास्क, हैंड सैनिटाइजर, साबुन, सोडियम हाइपोक्लोराइट आदि की व्यवस्था करनी होगी।
सीसीटीवी से निगरानी, हॉस्पिटल से मैपिंग : आयोजन स्थलों पर शारीरिक दूरी तथा मास्क पहनने के नियमों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है। ऐसे सभी कार्यक्रम स्थलों की निकटतम हॉस्पिटल से मैपिंग करने की योजना भी बनाने का निर्देश दिया गया है।
मूर्ति विसर्जन में इस्तेमाल होंगे छोटे वाहन, एंबुलेंस सेवा भी : मूर्तियों की स्थापना पारंपरिक लेकिन खाली स्थान पर की जाएगी जिसका आकार छोटा रखा जाएगा। चौराहों तथा सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया नहीं रखा जाएगा। मूर्तियों के विसर्जन में यथासंभव छोटे वाहन इस्तेमाल किए जाएंगे और इसमें कम से कम लोग ही शामिल होंगे। विसर्जन के समय मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य होगा। यदि विसर्जन में लंबी दूरी तय करनी हो तो एंबुलेंस की सेवाएं भी ली जाएंगी।
जनजागरूकता पर भी जोर : कार्यक्रम स्थल पर कोविड-19 से बचाव के उपायों से संबंधित पोस्टर-बैनर लगाए जाएंगे और इसका ऑडियो-विजुअल के जरिए प्रचार भी किया जाएगा। आयोजकों को यथासंभव स्पर्श रहित भुगतान की व्यवस्था करनी होगी। कार्यक्रम स्थलों पर क्या किया जाए और क्या नहीं, इसके निर्देश भी प्रदर्शित करने होंगे। सभी जिलों में हर आयोजन स्थल पर सार्वजनिक रूप से प्रचार प्रसार के लिए पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।
इनका भी रखना होगा ख्याल
- कार्यक्रम स्थल पर एयर कंडीशनर का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस और ह्यूमिडिटी रेंज 40 से 70 प्रतिशत के बीच रखनी होगी। क्रॉस वेंटिलेशन की व्यवस्था भी करनी होगी।
- सामूहिक खानपान, लंगर आदि कार्यक्रम में भोजन बनाने, वितरण व बची हुई वस्तुओं के डिस्पोजल में शारीरिक दूरी के नियमों तथा स्वच्छता का पालन करना होगा।
- कार्यक्रम स्थल पर दरवाजों के हैंडल, लिफ्ट के बटन, बैरिकेङ्क्षडग, सीट, बेंच, वॉशरूम की टोटी आदि की नियमित सफाई कर उन्हें भी विसंक्रमित किया जाएगा।
- कार्यक्रम परिसर में यथासंभव स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाएगी जिसमें प्राथमिकता पर डिस्पोजेबल कप/गिलास का प्रयोग किया जाएगा।
- संदिग्ध या बीमार व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग कर उन्हें विसंक्रमित करने की प्रक्रिया की जाएगी। जिस स्थल पर पॉजिटिव व्यक्ति पाया जाएगा उसे भी भी विसंक्रमित किया जाएगा।
- सभी को आरोग्य सेतु एप का प्रयोग करने की सलाह देने का निर्देश दिया गया है।
कब कौन त्योहार
- शारदीय नवरात्र शुरू : 17 अक्टूबर
- महाअष्टमी : 23 अक्टूबर
- महानवमी : 24 अक्टूबर
- विजयदशमी/दशहरा : 25 अक्टूबर
- बारावफात : 30 अक्टूबर
- वाल्मीकि जयंती : 31 अक्टूबर
- धनतेरस : 12 नवंबर
- छोटी दीपावली : 13 नवंबर
- दीपावली : 14 नवंबर
- गोवर्धन पूजा : 15 नवंबर
- भैयादूज : 16 नवंबर
- छठ पूजा : 20 नवंबर