वाहन स्वामियों ध्यान दे ! अब ई-चालान होने पर नहीं रुकेगा काम, व्यवस्था में बदलाव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। कागजों को सुरक्षित रखने के लिए वाहनस्वामियों को गाड़ी के साथ कागज लेकर चलने वाले झंझट से मुक्ति देने के बाद सरकार ने ई-चालान व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया है। चालकों को एक बड़ी राहत देते हुए सरकार ने अब ई-चालान होने की दशा में वाहन स्वामी का सारथी-4 और वाहन-4 पर कोई भी काम न रोके जाने का प्राविधान किया है। अभी तक ई-चालान होते ही पोर्टल पर डीएल का नवीनीकरण, डुप्लीकेट, ट्रांसफर समेत वाहन संबंधित सभी कार्य रुक जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
यही नहीं वाहन स्वामी के ई-चालान निस्तारण के लिए 90 दिन की अवधि भी तय कर दी गई है। इसके भीतर वाहनस्वामी को चालान का निस्तारण कराना होगा। अगर तय अवधि बीतने के बाद भी वाहनस्वामी ने इसका निस्तारण नहीं कराया तो तीन माह बाद सभी काम रोक दिए जाएंगे। मात्र तीन ही कार्य आरटीओ में होंगे जिनमें प्रमुख रूप से वाहन का टैक्स जमा करने, परमिट और फिटनेस के आवेदन पर विचार। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने नियमावली में संशोधन करते हुए इसे पहली अक्टूबर से वैधानिक मान्यता दे दी है।
ये हैं बदलाव के अहम बिंदु
ई-चालान होने पर तत्काल वाहन और डीएल संबंधित काम रोके जाने के व्यवस्था समाप्त। -ई-चालान के निस्तारण की अवधि 90 दिन तय हुई।-90 दिन बाद अगर वाहन स्वामी ने निस्तारण नहीं कराया तो टैक्स, परमिट एवं फिटनेस के आवेदन पर ही विचार किया जाएगा। -डिजिटल डाक्यूमेंट्स जब्त करने व्यवस्था बनाई गई।
इलेक्ट्रानिक डाटा को मिली वैधानिकता, व्यवस्था हुई लागू
वाहनस्वामी को गाड़ी के साथ अब कागजात लेकर चलने की जरूरत नहीं है। वह इसे इलेक्ट्रानिक डाटा सिस्टम यानी डीजी लॉकर और एम-परिवहन में रख सकते हैं। इसे वैधानिक मान्यता देते हुए बीती पहली अक्टूबर से लागू कर दिया गया है। अभी तक अक्सर यातायात और परिवहन अधिकारी इलेक्ट्रानिक डाटा सिस्टम को गंभीरता से नहीं लेते थे। साथ ही इलेक्ट्रानिक डाक्यूमेंट्स जब्त करने व्यवस्था नहीं थी।
क्या कहते हैं अपर परिवहन आयुक्त ?
अपर परिवहन आयुक्त अरविंद पांडेय के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय ने ई-चालान व्यवस्था में वाहनस्वामियों को बीती पहली अक्टूबर एक बड़ी राहत दी है। साथ ही कागजातों को डीजी लॉकर में बतौर इलेक्ट्रानिक डाटा के रुप में सुरक्षित करने की मान्यता प्रदान कर दी है।