खुशी दुबे का हुआ बैट्री टेस्ट, डिजाइन और रंगों ने खोले दिमाग के राज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. देश के बहुचर्चित विकास दुबे केस में आरोपी बनाई गई अमर दुबे की पत्नी की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए नया तरीका अपनाया गया है। कुछ डिजाइन और रंगों को दिखाकर उसकी दिमागी स्थिति के बारे में पता लगाया गया। साइको एनालिसिस टेस्ट भाटिया बैट्री टेस्ट विधि से किया गया था। जिसकी रिपोर्ट जुवेनाइल कोर्ट में दाखिल कर दी गई है। टेस्ट को चार चरणों में पूरा किया गया। इससे यह खुलासा हुआ कि उसकी दिमागी हालत उतनी परिपक्व नहीं है, जितनी एक अपराधी की होती है।
नाबालिग के वकील एडवोकेट शिवाकांत दीक्षित के मुताबिक साइको एनालिसिस टेस्ट जुवेनाइल आरोपी के लिए होता ही है। इसमें उन्हें शामिल किया जाता है जिन्हें गंभीर अपराध में जेल में बंद किया गया है। इस टेस्ट के जरिए कोर्ट यह जानने की कोशिश करता है कि नाबालिग जिस अपराध में लिप्त है क्या उसे इस बात का अंदाजा है कि उसने क्या किया है और इसका परिणाम क्या हो सकता है। नाबालिग की मनोदशा का भी इस टेस्ट के जरिए आकलन किया गया। कई तरह की डिजाइन, रंग दिखाकर विशेषज्ञों ने उसकी मानसिक परिपक्वता का आकलन किया। रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है।
क्या है भाटिया बैट्री टेस्ट
उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला के पूर्व निदेशक चंद्र मोहन भाटिया ने इस टेस्ट की शुरुआत 1955 में की थी। उन्होंने एक मॉड्यूल तैयार किया जिसे लोगों पर टेस्ट करने के बाद बकायदा उसकी थीसिस तैयार की गई थी।
पांच तरह में बांटा गया
- कोह ब्लॉक डिजाइन- इसमें कई रंगों की एक डिजाइन को देखने के बाद उसे बड़े ब्लॉक्स में बनाना होता है
- एलिक्जेंडर पास ए लांग- इसमें डिजाइन देखने के बाद रंगीन बॉक्स से एक खाली जगह पर वहीं डिजाइन बनानी होती है
- पैटर्न ड्राइंग टेस्ट- इसमें आठ कार्ड में अलग-अलग डिजाइन होती हैं। उसे देखने के बाद हर एक डिजाइन बनाने को दी जाती है
- इमिडिएट मेमोरी टेस्ट- इसमें नम्बर बोले जाते हैं और उसे तुरंत सुनने के बाद टेस्ट देने वालों को बोलना होता है
- पिक्चर कंस्ट्रक्शन टेस्ट- इसमें पिक्चर पजल दी जाती है। उसे आपस में जोड़कर डिजाइन तैयार करनी होती है
एक घंटे का होता है टेस्ट
भाटिया बैट्री टेस्ट एक घंटे में पूरा करना होता है। शिवाकांत दीक्षित बताते हैं कि इस टेस्ट को पूरा करने के बाद उसी के आधार पर मनोवैज्ञानिक अपनी रिपोर्ट तैयार करते हैं। यह 95 अंकों में से कितने मिले इसके आधार पर तैयार की जाती है।