Today Breaking News

योगी सरकार के मंत्री बोले ऐसी कौन सी आफत आ गई है...हाथरस जा रहे राहुल-प्रियंका गाँधी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित लड़की के साथ हुई हैवानियत के बाद मौत और देर को उसके शव को जलाने का मुद्दा तुल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है। इसी बीच पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नियमों का हवाला देते हुए पहले उन्हें रोका गया, जब वे नहीं माने तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब इस मामले पर योगी सरकार में मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि ऐसी कौन सी आफत आ गई है कि राहुल और प्रियंका गांधी हाथरस जा रहे हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि एक्सप्रेसवे पर किसी को टहलने की अनुमति नहीं है। क्या हम कुछ लोगों के पैदल चलने के लिए एक्सप्रेसवे का ट्रैफिक रोक दें। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी मीडिया में बने रहने के लिए ये ड्रामा कर रही है। राहुल और प्रियंका गांधी सिर्फ फोटो ऑप के लिए हाथरस जाने की बात कर रहे हैं।


फोटो ऑप के लिए ये सब कर रही कांग्रेस

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'राहुल गांधी का एक ट्रैक रिकॉर्ड है कि जब वो भी विदेश से वापिस लौटते हैं तो वो फोटो ऑप करवाने में लग जाते हैं। जो आज एक्सप्रेस-वे पर चल रहा है, वो भी फोटो ऑप ही है। उनकी और प्रियंका गांधी जी की तरफ से न ही कोई सहानुभूति न ही कोई संवेदनशीलता दिख रही है।' उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि क्या आपने हाथरस जाने की अनुमति ली थी। न आप परमिशन लेते हैं न कुछ करते हैं। आप निर्णय करते हैं सुबह उठकर के कि आज मेरा फोटो ऑप का दिन है। हम लोग जाएंगे और फोटो ऑप करके लौट आएंगे। चलने से पहले उन्होंने किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।


सारा ड्रामा मीडिया में आने के लिए

मंत्री ने पूछा कि क्या हाथरस में आफत आ गई है क्या? क्यों आफत नहीं है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से बात की है। उनकी मांगों को मान लिया गया है। पुलिस की कार्रवाई जारी है। सारी रिपोर्ट एक-एक कर के सामने आ रही है। लेकिन इन लोगों को यह सब नहीं दिख रहा है। बहुत दिनों से फोटो ऑप नहीं हुआ था, इसलिए आज ये लोग सड़क पर आ गए हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सारा ड्रामा मीडिया में आने के लिए किया है।


बता दें कि हाथरस कांड की पीड़िता से मिलने जा रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एक्सप्रेसवे से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मुझे लाठियां मारी और धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस रोकने की कोशिश कर रही है। इसी दौरान वे जमीन पर गिर जाते हैं।


उत्तर प्रदेश में लड़कियां सुरक्षित नहीं

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि यूपी में आज हाथरस से लेकर बलरामपुर तक कहीं भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। सभी जगह लड़कियों पर अत्याचार हो रहा है और इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार को लेनी ही होगी। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व के रखवाले बनने का दावा करने वाले योगी आदित्यनाथ ने किस हक से एक पिता को अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने से रोका है। प्रियंका ने कहा कि मैं भी एक महिला हूं और 18 साल की बेटी की मां हूं, इसलिए हाथरस की मां के दर्द को मैं अच्छी तरह समझ सकती हूं। उन्होंने कहा कि हम हाथरस में घूमने नहीं, बल्कि पीड़ित परिवार को सांत्वना देने जा रहे हैं और इसके लिए उन्हें किसी की इजाजत लेने जरूरत नहीं है।


प्रियंका ने ट्वीट किया, 'हाथरस जाने से हमें रोका। राहुल जी के साथ हम सब पैदल निकले तो बारबार हमें रोका गया, बर्बर ढंग से लाठियां चलाईं। कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। एक अहंकारी सरकार की लाठियां हमें रोक नहीं सकतीं। काश, यही लाठियां, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती।'


योगी सरकार को महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी

इससे पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'उत्तर प्रदेश में रोजाना बलात्कार की घटनाएं हुई हो रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ सरकार को लेनी पड़ेगी। जो भी अपराधी हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी।' प्रियंका ने दावा किया कि जब तक सरकार को झकझोरा और जगाया नहीं जाएगा तब तक वह महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ नहीं करने वाली है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा कि यह घटना (हाथरस सामूहिक बलात्कार) बहुत अन्यायपूर्ण थी और उसके बाद सरकार ने शव के अंतिम संस्कार में जो किया वह तो और भी बड़ा अपमान था।

'