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देसी घी और मक्खन की कीमत घटाएगी योगी सरकार, जानिए कितने प्रतिशत कम होगा दाम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. देसी घी एवं मक्खन पर लगने वाले जीएसटी के दर को सरकार जल्द ही कम कर सकती है। ताकि ये दोनों दुग्ध उत्पाद सस्ते हो सकें और प्रदेश में इनकी खपत बढ़ सके। दुग्ध विकास विभाग को आशा है कि दोनों घी-मक्खन पर लगने वाला 12 फीसदी जीएसटी को अगर अन्य दुग्ध उत्पादों पर लगने वाले 05 प्रतिशत की बराबर कर दिया जाए तो इनकी मांग में वृद्धि हो जाएगी जिसका लाभ दुग्ध संघों के साथ-साथ किसानों को भी होगा।
लिहाजा विभाग ने वस्तु स्थितियों के बारे में जानकारी देते हुए सरकार को विभागीय पत्र भेजा है जिसमें जीएसटी कम कराकर दोनों उत्पादों पर लगने वाले जीएसटी को बाकि के समान करने का अनुरोध किया गया है।   

मांग कम होने तथा उत्पादन बढ़ने से दूध की खपत समस्या बनती जा रही है। दुग्ध संघ किसानों या पशुपालकों से उतना दूध नहीं ले पा रहा जितना किसाना या पशुपालक देना चाहते हैं। कारण शादी-ब्याह से लेकर अन्य खान-पान वाले समारोह या कार्यक्रम भी अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। होटल-रेस्टोरेंटों में मांग काफी कम है। ऐसे में दूध व दुग्ध उत्पादों को खपाना दुग्ध संघों के लिए समस्या बन चुकी है।

खस्ता हाल में पहुंच चुके दुग्ध संघ दूध आपूर्तिकर्ताओं का भुगतान तक नहीं कर पा रहे हैं। नतीजा प्रदेश के सभी 19 दुग्ध संघों पर आपूर्तकर्ताओं का भारी बकाया हो चुका है। इस समस्या को दूर करने के लिए ही दुग्ध विकास विभाग ने दुग्ध उत्पादों की खपत बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करने का निर्णय किया है और इसी परप्रेक्ष्य में सरकार से घी एवं मक्खन पर से जीएसटी कम करने की अपील की है।

पीसीडीएफ (प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन) के अधिकारियों की माने तो इस समय घी और मक्खन को छोड़कर सभी दुग्ध उत्पादों पर 05 प्रतिशत जीएसटी लगता है जबकि उक्त दोनों पर 12 प्रतिशत जीएसटी है। अगर 12 को घटाकर बाकि  दुग्ध उत्पादों की तरह 05 प्रतिशत कर दिया जाए तो इसकी खपत बढ़ जाएगी। इस समय पराग की अलग-अलग मिठाइयों पर 05 प्रतिशत जीएसटी लिया जाता है।
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