फिर चला योगी सरकार का बुलडोजर, अतीक अहमद के भांजे का अवैध निर्माण ध्वस्त
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. योगी सरकार का प्रदेश के बड़े अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ एक्शन लगातार जारी है. इसी कड़ी में प्रयागराज के बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की अवैध और बेनामी सम्पत्तियों के खिलाफ भी लगातार जब्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है. बाहुबली पूर्व सांसद इन दिनों गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद हैं. अतीक अहमद की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने के लिए उनकी अपराध से अर्जित की गई कई अवैध और बेनामी सम्पत्तियों के खिलाफ जहां पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई अभी भी चल रही है. वहीं अतीक अहमद के करीबियों की अवैध सम्पत्तियों को भी कुर्क करने की प्रशासन ने मुहिम तेज कर दी है.
जिला प्रशासन ने शुक्रवार को शिवकुटी थाना क्षेत्र के तेलियरगंज के मेंहदौरी इलाके में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के भांजे हमजा उस्मान के कब्जे वाली दो बीघे सरकारी जमीन पर कराए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कराकर कब्जा वापस ले लिया गया है. एसडीएम सदर अजय नारायण सिंह और पीडीए के जोनल अधिकारी आलोक पाण्डेय ने भारी पुलिस बल के साथ चार जेसीबी मशीनें लगातार स्टेट लैंड पर हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त कराकर कब्जा वापस लिया है.
अवैध निर्माण का आरोप
एसडीएम अजय नारायण सिंह के मुताबिक स्टेट लैंड की दो बीघे जमीन कृषि कार्य के लिए किसी व्यक्ति को लीज पर प्रशासन ने दी थी, जिससे बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के भांजे हमजा उस्मान ने जबरन ले ली थी. इस पर लीज के शर्तों का उल्लंघन कर अवैध निर्माण भी कराया था. दरअसल, करोड़ों की इस बेशकीमती जमीन पर अवैध प्लाटिंग कर मकान बेचे जाने की योजना थी, लेकिन सूबे में भाजपा की सरकार बनने और बाहुबली अतीक अहमद के 2017 में जेल चले जाने के बाद भूमाफियाओं की मंशा पूरी नहीं हो सकी थी. लेकिन इस जमीन पर अतीक के भांजे हमजा उस्मान का ही कब्जा बना हुआ था.
इसमें कुछ पशुपालक अपने मवेशी भी बांध रहे थे और यहां पर बने भवनों में भूसा भी रखा गया था जिसे ध्वस्तीकरण से पहले प्रशासन ने खाली करा लिया. एसडीएम सदर अजय नारायण सिंह के मुताबिक, लीज शर्तों का उल्लंघन किए जाने पर नोटिस देने और पूरी वैधानिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही जेसीबी मशीनें लगाकर अवैध निर्माण ध्वस्त कराकर कब्जा वापस लिया गया है. इस कार्रवाई के दौरान सीओ कर्नलगंज सुधीर कुमार भी कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर मौजूद रहे जिससे इस कार्रवाई का अतिक्रमणकारी कोई खास विरोध भी नहीं कर सके.