धर्म नगरी वाराणसी में गंगा मैया और मां शीतला के मिलन की अनोखी तस्वीर आई सामने, मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. धर्म नगरी वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है. देश के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित होने के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी इससे अछूता नहीं है और गंगा मैया खतरे के निशान के करीब हैं. आलम ये है कि गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से मात्र दो मीटर नीचे तक जा पहुंचा है. जिसके जद में अब प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर भी आ गया है. मंगलवार को जो तस्वीरें सामने आई उसे देश भर भक्तों में श्रद्धा दिखी तो वहीं जानकारों ने माना कि गंगा अब रौद्र रूप धारण करने वाली हैं.
मंगलवार को गंगा और मां शीतला का मिलन हुआ. बनारस में बाढ़ के दौरान गंगा और शीतला माता के मिलन की धार्मिक आस्था बहुत ज्यादा है. वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट के एकदम ऊपरी हिस्से में बना ये मंदिर पूर्वांचल में आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में देवी शीतला के रूप में विराजमान हैं. तस्वीरें देख के जहां भक्त भाव-विभोर हुए तो वहीं जानकारों का मानना है कि अब यदि गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी रहा तो गंगा का पानी शहर में प्रवेश कर जाएगा.
शहर में बाढ़ का खतरा
मंदिर के अर्चक पवन पाण्डेय बताते हैं कि माना जाता है कि हर साल मां गंगा अपने जल के द्वारा माता शीतला का दर्शन करती हैं, जिसके बाद जलस्तर में घटाव शुरू होता है. यदि इसके बाद भी जलस्तर में वृद्धि होती रहती है तब बनारस में गंगा का रौद्र रूप देखने को मिलता है. क्योंकि ये मंदिर घाट पर निचले स्तर पर नहीं बल्कि घाट के बिल्कुल ऊंचाई पर स्थित हैं, जो कि सड़क के बिल्कुल बराबर है.
फिलहाल केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में गंगा के जलस्तर में 3 सेंटीमीटर प्रतिघन्टा के रफ्तार से बढ़ रही हैं. जिसके कारण गंगा चेतावनी बिंदु 70.26 से मात्र दो मीटर निचे 68.08 तक पहुंच चुकी हैं, जबकि बढ़ाव जारी है. ऐसे में यदि गंगा इन दो मीटर के बिंदु को छूती हैं जो बनारस के निचले स्तर के साथ ही ऊंचे इलाकों में भी पहुंच जाएगा. जिसके बाद स्थिति भयावह हो सकती है.