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फर्जी नौकरी दिलवाकर दो महीने तक देते थे वेतन, कुछ अलग है इनकी ठगी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. एसपी साउथ और बर्रा की संयुक्त टीम ने आइएएस अधिकारी बनकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए शातिरों के पास से नकदी, लैपटॉप व फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए है। पुलिस सरगना के करीबी साथी व अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
नौकरी दिलाने के लिए लेते थे चार से 10 लाख रुपये
एसपी साउथ दीपक भूकर ने सोमवार को राजफाश करते हुए बताया कि कल्याणपुर निवासी जयप्रकाश ने रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। छानबीन में सामने आया कि फतेहपुर थरियांव निवासी कुतुब उर्फ अब्बास, पीपीगंज गोरखपुर निवासी साथी हितेंद्र और जालौन निवासी लकी के साथ मॉल रोड के शॉपिग मॉल में कंसल्टेंसी चलाते थे। जिसकी आड़ में शातिर रेलवे, खाद्य विभाग और सचिवालय में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। आरोपित नौकरी लगवाने ने नाम पर 4 से 10 लाख रुपये तक लेते थे।

गैंग का एक साथी अभी फरार
फर्जी तरीके से उनकी प्रवेश परीक्षा और ट्रेनिंग कराई जाती थी। उसके बाद वे फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे। दो माह तक वेतन भी आरोपितों की ओर से दिया जाता था। दो माह बाद वेतन न मिलने पर लोग जब विभागीय अधिकारियों के पास जाते तो नियुक्ति पत्र फर्जी होने की जानकारी होती। एसपी साउथ ने बताया कि शातिर अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। एसपी साउथ ने बताया क़ुतुब उर्फ अब्बास आइएएस की भूमिका में रहता था। हितेंद्र और लकी लोगों को कुतुब के आइएएस अधिकारी होने की बात कहकर फंसाते थे। पकड़े गए कुतुब व हितेंद्र के पास से 51 हजार की नकदी, लैपटॉप, प्रिंटर, तीन मोबाइल, फर्जी आवेदन और नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं। वहीं पुलिस फरार लकी की तलाश कर रही है। 

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