इस बार पितृ पक्ष की अमावस्या के बाद नहीं हैं नवरात्रि, जानें कब से शुरू होंगे नवरात्रि
हर साल पितृ विसर्जनी अमावस्या के बाद नवरात्रि की तैयारी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार नवरात्रि एक महीने बाद शुरू होगी। अधिकमास लगने के कारण नवरात्रि एक महीने आगे खिसक गए हैं। इस बार शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होंगे। इससे पहले 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिकमास रहेगा। इस मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
अधिकमास का महत्व काफी इस साल165 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है। अधिकमास को मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इसमास में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
मलमाल के कारण आगे आने वाले सभी त्योहार विधि के अनुसार अपने नियत समय पर किए जाएंगे। नवरात्र में देरी के कारण इस बार दीपावली 14 नवंबर को होगी, जबकि यह पिछले साल 27 अक्टूबर में थी। ज्योतिषियों के अनुसार तीज-त्योहारों की गणना हिन्दी पंचांगों के हिसाब से की जाती है। इसके लिए हिन्दी का माह और तिथि निर्धारित है।
क्या होता है मलमास
अधिकमास या मलमास हर दो से तीन साल के बीच में आता है। मलमास को आप इस तरह समझ सकते हैं। अंग्रेजी के कैलेंडर के अनुसार जिस तरह लीप इयर होता है उसी तरह हिन्दू पंचांग में अधिकमास, मलमास होते हैं। चंद्र वर्ष, सौर वर्ष से 11 दिन 3 घटी और 48 पल छोटा होता है।