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गाजीपुर: सिपाही का शव रखकर हंगामा, चक्काजाम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. प्रतापगढ़ जिले के लालगंज कोतवाली में आत्महत्या करने वाले सिपाही का शव पुलिस सुरक्षा में पैतृक गांव खरौना लाया गया। शनिवार को शव पैतृक गांव पहुंचते ही परिजनों और ग्रामीणों ने आक्रोश फैल गया। घटना को हत्या बताते हुए जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। सूचना पाकर सीओ राजीव द्विवेदी और खानपुर, सैदपुर थाने का पुलिस बल मौके पर पहुंचा। सीओ ने परिजनों की बात सुनी और उनके प्रार्थना पत्र को कार्रवाई के लिए अधिकारियों तक भेजने का आश्वासन दिया। सीओ के समझाने के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।

लालगंज कोतवाली में गोली मारकर आत्महत्या करने वाले खरौना निवासी सिपाही आशुतोष यादव का शव गांव में पहुचते ही कोहराम मच गया। शुक्रवार की दोपहर प्रतापगढ़ जिले के लालगंज कोतवाली के बैरक में सीढ़ियों पर गोली लगने और लहुलुहान मिला था। उसके शव को देखकर मृतक सिपाही के परिजन आत्महत्या को नकारते हुए दूसरे किसी पुलिसकर्मी पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। शाम को आशुतोष का शव प्रतापगढ़ से खरौना पहुचते ही परिजनों ने आक्रोश जताते हुए जाम लगा दिया और मौत की जांच कराने की मांग रखी। सिपाही हत्या में जांच की मांग को लेकर परिजनों और ग्रामीणों ने करीब एक घण्टे तक वाराणसी गाजीपुर राष्ट्रीय राज्यमार्ग को जाम कर रखा था। जिससे वाराणसी गाज़ीपुर सड़क मार्ग जाम होने से खरौना के दोनों ओर सैकडों गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी। सड़क पर धरने का नेतृत्व कर रहे वही खरौना में सड़क जाम किये लोगों को समझाते हुए क्षेत्राधिकारी सैदपुर राजीव द्विवेदी ने प्रतापगढ़ के एसपी अनुराग आर्य से बात कर परिजनों की शिकायत को संज्ञान में लेने की बात कही और प्रतापगढ़ एसपी के आश्वासन पर एक घण्टे बाद सड़क जाम खोल दिया। क्षेत्राधिकारी सैदपुर ने कहा कि आसुतोष यादव हमारे पुलिस परिवार का सदस्य है उनके न्याय के लिए गाजीपुर पुलिस प्रशासन प्रतापगढ़ पुलिस से जांच और न्याय की मांग अवश्य करेगा। वही पिता अखिलेश ने क्षेत्राधिकारी सैदपुर राजीव द्विवेदी को लिखिति ज्ञापन देकर न्याय की मांग की। इसके बाद क्षेत्राधिकारी के काफी मशक्कत के बाद किसी तरह ग्रामीणों को समझा बुझाकर हटाया और पुलिस बल के साथ जाम खत्म करवाया।


मृत सिपाही के दादा बैजनाथ यादव ने बताया कि दस दिन छुट्टी बिताकर आशुतोष कुछ दिन पूर्व ही ड्यूटी पर गया था उसके पसंद की कन्या से शादी तय होने पर काफी खुश था। मां उर्मिला बार-बार अपने लाल को देखने के लिए बेहोश हो जा रहीं थी।आशुतोष के सहपाठी और मित्रों का कहना है कि हंसमुह स्वभाव और मृदुल जिंदादिली के साथ यारी निभाने वाला आशुतोष आत्महत्या नही कर सकता इसके पीछे जरूर कोई साजिश हो सकती है। मृतक सिपाही आसुतोष यादव के घर थानाध्यक्ष खानपुर पन्नेलाल, योगेंद्र सिंह, सुनील दुबे, नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

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