गाजीपुर में चोरी की 17 ट्रकों का पंजीयन निरस्त कर दबा दी फाइलें, जांच अधिकारी ने मांगी रिपोर्ट और पत्रावली
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. चोरी की पंजीकृत 17 ट्रकों की फाइल दबाने के लिए परिवहन अधिकारी और कर्मचारी ने पंजीयन नंबर निरस्त कर दिया। साथ ही चोरी की ट्रकों का पंजीयन कराने वालों के खिलाफ स्थानीय थाना में ऑनलाइन सूचना दे दी, लेकिन मुकदमा दर्ज हुआ या नहीं विभाग को मालूम नहीं है और न ही इस बारे में परिवहन विभाग ने जानकारी करने की कोशिश की। अब परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने जांच बैठाई तो चोरी की ट्रकों का पंजीयन करने और कराने वालों के होश उड़ गए।
गाजीपुर में वर्ष 2014 में तत्कालीन सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी भवानीदीन और पंजीयन लिपिक अतुल कुमार सिंह ने 17 चोरी की ट्रकों का पंजीयन कर दिया था। एक शिकायत पर तत्कालीन उप परिवहन आयुक्त नरेंद्र राय और उसके बाद आए उप परिवहन आयुक्त डीके त्रिपाठी ने पूरे मामले की जांच की तो चोरी के ट्रकों के पंजीकृत होने का आरोप सही पाया गया। दोनों उप परिवहन आयुक्त ने तत्कालीन एआरटीओ और लिपिक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट भेजी, लेकिन सपा सरकार में दोनों की अच्छी पैठ होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। जांच दबा दी गई। अब योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसना शुरू किया तो पुरानी फाइलें निकलकर बाहर आ गईं। परिवहन आयुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए जांच में स्थानीय अधिकारियों को दूर रखा जिससे कोई दबाव नहीं बना सके। परिवहन आयुक्त ने कार्यालय में तैनात उप परिवहन आयुक्त मुखलाल चौरसिया को जांच अधिकारी नामित करते हुए तत्काल रिपोर्ट मांगी है। जांच अधिकारी ने 14 सितंबर को पत्र जारी कर आरटीओ से चोरी के पंजीकृत 17 ट्रकों की मूल पत्रावली के साथ पूर्व में जांच किए गए अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी है।
डीटीसी कार्यालय में खोजी गई जांच रिपोर्ट
गाजीपुर में पंजीकृत 17 चोरी के ट्रकों की जांच रिपोर्ट बुधवार को उप परिवहन आयुक्त कार्यालय में खोजी गई। एक जांच रिपोर्ट मिल गई और दूसरी खोजी जा रही है। उधर, गाजीपुर एआरटीओ को चोरी की पंजीकृत ट्रकों की मूल पत्रावली तत्काल देने को कहा गया है।