पूर्वांचल की सब्जियां और फल विदेशों में बनेंगे ब्रांड, इन जिलों के ये प्रोडक्ट बनाएंगे खास पहचान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी सहित आसपास के जिलों की सब्जियों व फलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड के तौर पर पहचान दिलायी जाएगी। इसमें वाराणसी से लंगड़ा आम, गाजीपुर की मिर्च, चंदौली का काला चावल, जौनपुर का मिश्रित सब्जियां और मिर्जापुर व सोनभद्र के टमाटर शामिल हैं। जिला प्रशासन इन उत्पादों को जीआई कैटेगेरी में रखने की तैयारी शुरू कर दी है। वाराणसी के लंगड़ा आम के लिए प्रशासन की ओर से प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को ब्रांड बनाने पर जोर दिया था।
पीएमओ का निर्देश मिलने पर कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) व जिला प्रशासन एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर सब्जियों व फलों को विकसित करने जा रहा है। जिसे ब्रांड के रूप में बाजार में उतारा जाएगा। इन सभी कृषि उत्पादों को विदेशों को ज्यादा से ज्यादा निर्यात करने के लिए उनके मानकों व गुणवत्ता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इन सभी जिलों में शुरू कर दिया गया है।
एपीडा के सहायक प्रबंधक डॉ. सीबी सिंह ने बताया कि पूर्वांचल में कृषि निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। सरकार का जोर है कि यहां के उत्पादों में मानक व गुणवत्ता सुधार कर उत्पादन बढ़ाया जाये, ताकि किसानों की आय के साथ ही जिले के जीडीपी भी बढ़ायी जाये।
वर्तमान में कृषि उत्पादों की स्थिति
700 हेक्टेयर बनारसी लंगड़ा आम की पैदावार
1200 हेक्टेयर में गाजीपुर में पैदा हो रही मिर्च
250 हेक्टेयर में चंदौली में काला चावल का उत्पादन
1800 हेक्टयेर में सोनभद्र व मिर्जापुर में टमाटर का उत्पादन
एफपीओ के जरिए किसानों को मिलेगी मदद
सीबी सिंह की मानें तो किसानों को विशेष सब्जियों व फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एफपीओ के जरिए उन्हें सरकारी मदद दिलायी जाएगी। पीएम किसान किसान उत्पादक संगठन योजना के तहत संगठन के किसानों को 15 लाख रुपये तक अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा शोधित बीज और उत्पादन के लिए प्रशिक्षण भी देकर उन्हें सशक्त बनाया जाएगा। वर्तमान में बनारस में पांच, गाजीपुर में सात, जौनपुर में दो और चंदौली में एक एफपीओ का गठन हो चुका है।
2021 तक मिलेगा तीन पैक हाउस
कृषि उत्पादों को अब स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण किया जाएगा। 2021 तक जिले को तीन पैक हाउस मिलेंगे। इसमें करखियांव एग्रो पार्क, बाबतपुर एयरपोर्ट और राजातालाब पेरिशबल कार्गों में व्यवस्था शुरू हो जाएगी। यहां से निर्यात से पहले उत्पादों के मानकों की जांच और पैकेजिंग की जायेगी।
विदेशों में भेजे गए थे बनारसी लंगड़ा आम, मिर्च, काला चावल
लॉकडाउन के दौरान बनारस से दशहरी, लंगड़ा आम, चंदौली से काला चावल व गाजीपुर की मिर्च को यूरोप व अरब देशों भेजा गया था। इसमें पांच टन आम और 18 टन मिर्च भेजी गयी थी। वहीं 80 टन काला चावल आस्ट्रेलिया भेजा जा चुका है।
स्थानीय उत्पादों बढ़ावा देने के लिए उनकी गुणवत्ता व मानक सुधारा जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि आगामी दिनों में पूरे प्रदेश से सबसे ज्यादा आम, काला चावल, मिर्च का उत्पादन पूर्वांचल में हो और इसे विदेशों तक निर्यात किया जा सके। -दीपक अग्रवाल, मंडलायुक्त