पीएम किसान योजना में हुआ 110 करोड़ का घोटाला, नेताओं की मदद से नकद सहायता का उठाया लाभ
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली। मोदी सरकार की सबसे बड़ी स्कीम में घोटाला सामने आया है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना में कुछ ऐसे लोगों का भी पता चला है जो योग्य न होते हुए भी इसका लाभ ले रहे थे। तमिलनाडु सरकार ने गरीबों को लाभ पहुंचाने वाली प्रधानमंत्री किसान योजना में 110 करोड़ से अधिक के घोटाले का खुलासा किया है। तमिलनाडु के कुछ जिलों में अयोग्य लोगों ने सरकारी अधिकारियों और स्थानीय स्तर के नेताओं की मदद से झूठी जानकारी का उपयोग करके नकद सहायता का लाभ उठाया।
जानकारी के अनुसार यह घोटाला उस समय पहली बार सामने आया, जब जिला कलेक्टर ने कुड्डालोर जिले में जांच का आदेश दिया कि 100 से अधिक गैर-किसानों को पीएम-किसान सहायता प्राप्त हुई है। रिपोर्टों के अनुसार, इस योजना के लिए पंजीकृत लाभार्थियों में से कई घोटाले से अनजान थे।
घोटाला करने वालों से अधिकारियों ने पेश होते हुए और उनका विवरण मांगा। उसने यह कहा गया कि उनको सरकार से कोरोना कैश प्राप्त हो सकता है। जब इनका विवरण पात्र किसान पोर्टल में अपलोड किया तो अधिकारियों ने पाया कि प्रत्येक अयोग्य लाभार्थी से लगभग 6000 प्राप्त किए।
खबर में मुताबिक डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि यह घोटाला कई करोड़ रुपये का है। तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी के गृह जिले, अकेले सलेम में लगभग 10,700 फर्जी किसान हैं, जिन्होंने पीएम किसान योजना के तहत लगभग 4 करोड़ लिए हैं।
स्टालिन ने कहा कि कुड्डलोर जिले और विल्लुपुरम जिले में फर्जी किसानों से 4.20 करोड़ की वसूली की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि घोटाले की शिकायतें तिरुवन्नामलाई, पेरम्बलुर और अन्य जिलों में सामने आई हैं।
टीएन सरकार ने कहा कि इस मामले की जांच अपराध शाखा-अपराध जांच विभाग (सीबी-सीआईडी) द्वारा की जा रही है और अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है। राज्य के कृषि सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने कहा कि सरकार पहले ही आरोपियों के खातों से 32 करोड़ की प्राप्त कर चुकी है।