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Ghazipur: भारत बंद का कुछ खास असर नहीं, खुली रही दुकानें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कृषि बिल के विरोध में अखिल भारतीय किसान सभा एवं सपा का भारत बंद बेअसर रहा। चाय-पान सहित सभी दुकानें खुली रहीं। बाजार में रोज की तरह भीड़-भाड़ रही। वहीं सुरक्षा की ²ष्टि से पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह मातहतों संग चक्रमण करते रहे। सपा कार्यकर्ताओं ने इस बिल के विरोध में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सदर एसडीएम को सौंपते हुए किसान एवं श्रमिक विरोधी विधेयक को वापस लेने की मांग की। उधर, अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर किसान संगठन किसान विरोधी कानून पास करने के विरोध में सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया। बंद को जिला कांग्रेस पार्टी सहित अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया था। कुछ जगहों पर बंद सर्मथकों को रोकने पर पुलिस से हल्की नोकझोंक भी हुई।

स्टेशन रोड स्थित भारद्वाज भवन पर किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार कृषि क्षेत्र को बाजार के हवाले करते हुए खेती का कारपोरेटीकरण, निजीकरण करने पर आमादा है। इन बिल के पास होने से मोदी सरकार का चेहरा किसान विरोधी साबित हुआ है। इस दौरान किसानों ने उपजिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। इस मौके पर पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, ईश्वरीय प्रसाद कुशवाहा, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील राम, रामाश्रय यादव, अशोक मिश्र, जर्नादन राम, भाकपा के अमेरिका सिंह यादव, चंदा यादव, कुसुम तिवारी, माले के रामप्यारे आदि थे।


सपा के जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने आरोप मढ़ा कि भारत सरकार द्वारा लाया गया कृषि एवं श्रमिक विधेयक किसानों एवं श्रमिकों के हितों की अनदेखी करने वाला है । इस कृषि विधेयक से किसान अपनी जमीन का मालिक न होकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मंडी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित ना होने से किसान अब ओने पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा । संसद में श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे। अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति के छटनी का अधिकार नहीं था। नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे कर्मचारियों की छंटनी करने का अधिकार दे रहा है, इससे श्रमिकों में


असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वह अपनी जायज मांगों को भी नहीं उठा सकेंगे। इस मौके पर राजेश कुशवाहा, निजामुद्दीन खां, अशोक बिद, कन्हैया लाल विश्वकर्मा, अरुण कुमार श्रीवास्तव, सदानंद यादव, सत्येंद्र यादव सत्या, अरविद सिंह यादव, दिनेश यादव, आमिर अली, तहसीन अहमद, आदि थे।

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