पूर्वांचल में आकाशीय बिजली से 12 की मौत, आठ झुलसे लोगों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पूर्वांचल में रविवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई। मीरजापुर और वाराणसी में तीन-तीन, जौनपुर, चंदौली व भदोही में दो-दो व्यक्ति की जान चली गई। साथ ही 10 पशु मरे और आठ लोग झुलस गए। झुलसे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के जफराबाद गांव में दिलीप (15) व नन्हकू (10) और लोहता के खेवसीपुर में विजय पटेल (51) की आकाशीय बिजली से मौत हो गई। जौनपुर के मडियाहूं के ककराही में मनीषा सिंह (32) व चकईपुर गांव में सुनील सरोज (28) की मौत हो गई। साथ ही रामपुर में चपेट में आने से तीन लोग झुलस गए। भदोही के गोपीगंज थाना क्षेत्र के हरदेवपुर गांव में विनोद कुमार पांडेय (27) व औराई क्षेत्र के लक्ष्मणिया गांव में मनीष सरोज (15) की जान चली गई। मीरजापुर के मडि़हान थाना क्षेत्र के मलुआ गांव निवासी सुरसत्ती देवी (45) व सोनम (10) की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई। इसी थाना क्षेत्र के केकवा जंगल में पहिती गांव निवासी संजय कुमार उर्फ बुल्ला की पत्नी लक्ष्मीना की (30) वबरगवां के खैरटिया में 10 मवेशियों की मौत और दो बालिकाएं झुलस गईं। वहीं, चंदौली में अलीनगर थाना क्षेत्र के छोटू सराय के रहने वाले राजन यादव (23) और परोरवां के विजय पाल की भी जान चली गई। इसके अलावा सोनभद्र में भी तीन लोग आकाशीय बिजली से झुलस गए।
वज्रपात के समय न निकलें बाहर, काट दें घर की बिजली
बज्रपात के समय बाहर न निकलें और घर की बिजली काट दें। बरसात के समय वज्रपात होने से आए दिन लोग असमय काल के गाल में समाते रहते हैं। अगर इससे बचना है तो इसके लिए सावधानी बेहद जरूरी है। इसके लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश सिंह ने गत दिनों लोगों को जागरूक करते हुए सजग रहने की पहल की। उन्होंने वज्रपात से बचने के लिए अनके उपाय सुझाए।
अगर आसमान में अंधेरा छा जाए और तेज हवा हो तो सतर्क हो जाएं। यदि आप गडग़ड़ाहट सुनते हैं तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है। जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो बाहर न जाएं। यात्रा से बचें और अपने घर के बाहर खिड़कियों और दरवाजों को बंद करें। अनावश्यक बिजली के उपकरणों को अनप्लग करें। पेड़ की लकड़ी या किसी अन्य मलबे को हटा दें जो हवा में उड़कर दुर्घटना का कारण बन सकता है। बज्रपात पशुधन के लिए एक बड़ा खतरा है। एक ही वज्रपात में कई जानवरों की जान जा सकती है। वज्रपात के दौरान जानवरों को आश्रय में ले जाएं।