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बॉलीवुड का 'लाइट-कैमरा' और 'एक्शन' में CM योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश फिल्म सिटी...! जी हां, टाइटल वही पुराना है। ट्रेलर भी आपने देख रखा होगा, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिखाया था। अब वही कहानी ऐसे 'री-टेक' के साथ शुरू हो रही है, जिसमें किरदार बदल चुके हैं। लाइट-कैमरा के साथ निर्देशन बॉलीवुड के दिग्गजों का है तो निर्माता के साथ ही हर एक्शन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तैयार हैं। 'हैप्पी एंडिंग' की अपनी शर्त रखकर सीएम योगी ने संवाद-पटकथा में सिने जगत के दिग्गजों को ही साझेदार बना लिया है।

उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण की जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की, वैसे ही विपक्ष के 'डायलॉग' भी कानों में गूंजने लगे। खास आपत्ति पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जताई है। उन्हें मलाल है? कि आइडिया उनका था, फिल्म सिटी की घोषणा उन्होंने की और उस पर श्रेय अब योगी सरकार लेना चाहती है। जाहिर सी बात है? कि कहानी में यह ट्विस्ट की तरह है? कि क्या यह पुरानी फिल्म की 'रीलांचिंग' है?

उत्तर प्रदेश फिल्म सिटी की कहानी के नए किरदार तो इससे वाकिफ नहीं होंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश के ही कुछ कलाकार हैं, जो पहले भी ऐसी कहानी से जुड़े रहे हैं। मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा कहते से सवाल किया गया? कि फिल्म सिटी की घोषणा तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी की थी। तब बॉलीवुड ने रुचि क्यों नहीं ली? क्यों यहां काम शुरू नहीं हुआ? और अब ऐसा क्या हो गया? इस पर वह कहते हैं कि जब वह कानपुर में पढ़ाई करते थे, तब करीब पचास वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता ने यूपी में फिल्म सिटी की घोषणा की थी। ऐसे ही अखिलेश यादव ने भी की, लेकिन वह सपना साकार होते अब दिख रहा है।


अनूप जलोटा का कहना है? कि मुंबई में भी फिल्म सिटी नहीं है। वहां तमाम काम बाहर करने पड़ते हैं। अब सीएम योगी ने पूरी योजना दिखाई है। रूपरेखा तैयार है। यहां जो फिल्म सिटी प्रस्तावित है, उसमें स्क्रिप्ट लेकर आइए, महीनों तक रुककर फिल्म पूरी कीजिए और जाकर रिलीज कर दीजिए।

इसी तरह उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष और मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव से सवाल था कि पहले भी बड़े-बड़े कलाकार फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश फिल्म सिटी के लिए तैयार भी थे। तब क्यों नहीं बन सकी? इस पर राजू बोले कि परिषद के अध्यक्ष बड़े-बड़े थे, लेकिन अब मैं जमीनी हूं और काम जमीन पर होता है। रही बात पुरानी घोषणा की तो पहले कोई रूपरेखा तैयार नहीं हुई थी। पत्थर लगे और प्रचार हुआ। पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना योगी जी से नहीं की जा सकती। आज वह विजन के साथ आगे आए हैं। जमाना वेब सीरीज का है। फिल्में ओटीटी पर रिलीज हो रही हैं। मुंबई की फिल्म सिटी तकनीकी रूप से उतनी मुफीद अब नहीं है, जितनी यूपी फिल्म सिटी होगी। राजू कहते हैं कि हम मुंबई और यूपी के बीच पाला नहीं खींच रहे। यह बॉलीवुड का एक्सटेंशन है।

फिल्मों के साथ जमीन पर दी जाएगी सब्सिडी : उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष ने राजू श्रीवास्तव बताया कि अभी यूपी में फिल्मों के निर्माण पर सब्सिडी दी जाती है। यूपी में शूटिंग और हिंदी में फिल्म हो तो कुल लागत की 25 फीसद सब्सिडी, जबकि यूपी में शूटिंग स्थानीय अवधी, भोजपुरी आदि भाषा की फिल्म की हो तो पचास फीसद सब्सिडी दी जाती है। वह जोड़ते हैं कि पहले फिल्म सिटी की घोषणा के बाद निर्माता बोनी कपूर सहित कई लोग आए। उनसे बात करने पर पता चला कि जमीन महंगी होने की वजह से लौट गए। अब भी मुख्यमंत्री से मांग की गई कि जमीन पर सब्सिडी दी जाए। इस पर सहमति दी गई है।

बाहुबली लेखक विजयेंद्र भी देंगे प्रस्ताव : अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प के साथ सिर्फ यूपी के कलाकार ही नहीं, सिने जगत के दिग्गज भी जुड़े हैं। बाहुबली फिल्म के लेखक विजयेंद्र प्रसाद ने हर संभव सहयोग के मदद की बात कही है। कहा है कि वह प्रस्ताव भी भेजेंगे। कला निर्देशक नितिन देसाई ने फिल्म इंस्टीट्यूट का सुझाव दिया। साथ ही सभी ने अपने-अपने सुझाव देने की बात कही है।

2023 में खड़ी होगी यूपी फिल्म इंडस्ट्री : फिल्म निर्देशक संघ के अध्यक्ष अशोक पंडित का कहना था कि निजी फिल्म स्टूडियो तो हैं, लेकिन मुंबई के बाद यूपी सरकार इकलौती है, जो इस दिशा में आगे आई है। उन्होंने भरोसा जताया है कि 2023 तक यूपी की फिल्म इंडस्ट्री बनकर तैयार हो जाएगी।

संस्कारित है यूपी, नहीं होंगे ड्रग जैसे मामले : मशहूर गायक उदित नारायण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खूब तारीफ की। उनके लिए गाना गया। कहा कि यूपी को जैसा सीएम चाहिए था, मिल गया। 

वहीं, बॉलीवुड के ड्रग मामले पर बोले कि उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि यह संस्कारों की धरती है।

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