मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी पहुंचे एलडीए, कहा-वैध तरीके से खरीदी थी जमीन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. डालीबाग के गाटा संख्या 93 सरकारी जमीन पर बने सात हजार वर्ग मीटर के मकान को बचाने के लिए बाहुबली विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का बड़ा भाई परिवार के साथ एलडीए वीसी से सोमवार को मिलने पहुँचा। एलडीए ने एक सितम्बर को अफजाल की पत्नी के नाम नोटिस काटा था, जिसमें उनको आज की तारीख सुनवाई के लिए मिली थी। अफजाल अंसारी ने बताया कि उन्होंने ये जमीन वैध तरीके से खरीदी थी और उस पर शमन मानचित्र भी पास करवाया था। शत्रु संपत्ति होने की जानकारी उनको नहीं थी। दूसरी ओर एलडीए ने वीसी ने उनसे कहा कि इस पूरे प्रकरण का विधिक परीक्षण चल रहा है।
एलडीए का मुख्तार अंसारी की भाभी को दी थी नोटिस
मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत अंसारी के डालीबाग स्थित सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को ढहाने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके पहले चरण में इस भवन का शमन मानचित्र निरस्त किया जाएगा। एलडीए ने एक सितम्बर को इस बाबत मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी को नोटिस दे दी थी।
उप्र नगर विकास नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा-15 के तहत ये नोटिस जारी की थी। जिसमें किसी भी जारी मानचित्र को निरस्त किया जाता है। 14 दिन के भीतर फरहत अंसारी को इस बात का जवाब एलडीए के वीसी के समक्ष देना था। जहां उनको बताना था कि ये नक्शा क्यों न निरस्त कर दिया जाए। नक्शा निरस्त होने के बाद एलडीए भवन के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करेगा। अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम पर डालीबाग में करीब आठ हजार वर्ग फीट में बने किलानुमान मकान पहले बिना नक्शा पास करवाए ही बनवा लिया गया था। बनवाने के बाद रसूख और फर्जी कागजों की दम पर एलडीए से नक्शा भी पास करवाया गया। ये कंपाउंडिंग मैप साल 2007 में पास करवाया गया था। निर्माण पूरा होने पर कोई कार्रवाई न कर के नक्शा पास कर दिया गया था।
गाटा संख्या 93 की सभी खातेदारी निरस्त होने के बाद एलडीए अब इस मानचित्र को निरस्त करने की तैयारी में लगा हुआ है। ये तैयारी मंगलवार को जमीन पर उतर सकी है। अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम पर निष्क्रांत संपत्ति (आठ मार्च 1954 के बाद पाकिस्तान गए लोगों की संपत्ति जो कि अब सरकारी है। गाटा संख्या 93 का तीसरा निर्माण है, जिस पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है। डीएम प्रशासन ने इस संपत्ति की भी खातेदारी निरस्त कर दी है। एलडीए ने इस निर्माण का नक्शा साल 2007 में पास किया था।