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पति को मृत समझ पत्नी ने की दूसरी शादी, लेकिन जब पाकिस्तान से 5 साल बाद गांव लौटा युवक, जानें फिर क्या हुआ?

अनिल साकेत जो की 5 साल तक पाकिस्तानी की लाहौर जेल में बंद रहे थे जिसके बाद इस शुक्रवार को अपनी सरजमीं भारत वापस आए है अनिल मध्यप्रदेश के रीवा जिले से है आपको बता दे की वो छगनहाई निवासी बुद्धसेन साकेत का 20 वर्षीय पुत्र अनिल साकेत जनवरी 2015 से लापता था वैसे ही वो लापता हुआ उनके घरवालों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी उसकी पत्नी ने उसे ढूंढ़ने के कई प्रयास किए पर उनके हाथ कुछ नहीं लगा।

अब छगनहाई गांव के अनिल के साथ साथ कुल 320 बंदियों जो की भारत से है उन्हें विदेश मंत्रालय की पहल पर पाकिस्तान से रिहाई हुई है बता दे की वो अनिल 13 सितंबर को रिहा होकर अगले दिन बाघा बॉर्डर पहुंचा 16 सितंबर को उनसे एक बस के जरिये अन्य बंदियों के साथ ग्वालियर लाया गया और वहां से पुलिस जवान उसे लेकर शुक्रवार को रीवा पहुंचे।


इस बात की पुष्टि खुद रीवा के पुलिस अधीक्षक ने की है। पिछले साल केंद्रीय गृह विभाग द्वारा जारी पत्र में अनिल साकेत के पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद होना बताया गया था और उसे भारत वापस लेन का प्रयास एक साल तक चला था वही पाक की सरकार ने पाकिस्तान के विभिन्न जेलों में बंद भारतीय कैदियों की पूरी लिस्ट पाकिस्तान के राजदूत ने भारतीय राजदूत को दे दी थी और उस लिस्ट में अनिल का भी नाम था। आपकी जानकारी के लिए बता दे की विदेश विभाग के द्वारा नईगढ़ी थाने में एक पत्र भेजा गया और उस पत्र में अनिल साकेत के बारे में जानकारी मांगी गई थी जो की पिछले 3 साल से लाहौर जेल में बंद कैदी में था जिसके बाद ये पता चला की अनिल साकेत नाम का गुमशुदा युवक लाहौर के जेल में बंद है।

वैसे अभी तक इस बात की जानकारी किसी को नहीं मिली है की रीवा जिले से देश की सीमा पार कर पाकिस्तान कैसे पहुंच गया। ऐसा माना जा रहा है की उसकी दिमागी हालत खराब थी जिससे भटकते-भटकते वह देश की सीमा पार कर पाकिस्तान में पहुंच गया था और वह पर ही उसे पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था वैसे दुख की बात ये है की पत्नी ने तीन साल तक उसका इंतजार किया पर वो वापस नहीं आया जिसके बाद जब वह नहीं लौटा तो उसको मृत समझकर पत्नी मायके चली गई, वहीं उसके परिजनों ने उसका दूसरा विवाह कर दिया।

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