वाराणसी में शराब तस्कर भाइयों की 4.88 करोड़ की संपत्ति जब्त
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. प्रशासन ने रविवार को शराब तस्कर दो सगे भाइयों-शिवशंकर उर्फ बाबू सेठ और सोनू सेठ की संपत्ति जब्त कर ली। गैंगस्टर एक्ट के तहत दोनों के दो होटल व एक शॉप सीज की गई। डुगडुगी के बाद दोनों होटलों पर प्रशासन का ताला चढ़ाने के साथ कार्रवाई का बोर्ड भी लगा दिया गया। दोनों की कुल चार करोड़ 88 लाख 11 हजार 650 रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।बसनी-बड़ागांव मुख्य मार्ग पर स्थित सोनू सेठ के नाम से राजकुमारी वाटिका नामक होटल, बड़ागांव-कपसेठी मार्ग स्थित बाबू सेठ के नाम से एक दुकान व होटल गिरोहबंद अधिनियम के तहत सीज किया गया। सोनू सेठ के नाम से तीन करोड़ 30 लाख 10 हजार 88 रुपये की संपत्ति थी, जबकि उसके भाई बाबू सेठ और उसकी पत्नी गुड़िया सेठ के नाम से एक करोड़ 49 लाख एक हजार 562 रुपये की संपत्ति थी। कारवाई के दौरान एसडीएम पिंडरा जयप्रकाश, सीओ नितेश सिंह, कार्यवाहक एसओ अनिल कुमार, इंस्पेक्टर मिर्जामुराद सुनील दत्त दुबे, दरोगा सत्य प्रकाश सिंह, कपसेठी एसओ राजू दिवाकर समेत क्यूआरटी के जवान मौजूद रहे।
शराब और अपराध के दम पर अकूत संपत्ति बनाई
डेढ़ दशक पहले बाबू सेठ ने धोखाधड़ी करके लाखों रुपये कमाये। इसके बाद शराब तस्करी शुरू कर दी। इसमें उसका भाई भी बराबर का मददगार रहा है। जिले में बड़े पैमाने पर अवैध शराब खपाने से लेकर बिहार में आपूर्ति तक में इनका नाम आ चुका है। बाबू सेठ पर हत्या, धोखाधड़ी, बलवा समेत कुल 11 मुकदमे जबकि उसके भाई सोनू सेठ पर मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के चार मुकदमे दर्ज हैं। बाबू सेठ ने 14 वर्ष पूर्व नजदीकी रिश्तेदार की हत्या कर दी थी। वह इस मामले में इस समय जमानत पर है। सोनू सेठ भी जेल के बाहर है।
बचने को होटल का नाम बदला
जब्तीकरण से बचने के लिए बाबू सेठ ने होटल का नाम राजकुमारी वाटिका से बदलकर यश होटल व रेस्टोरेंट कर दिया था मगर रकबा नम्बर व जमीन के कागज से नाम नहीं हटा सका। दो दिन में कई सामान निकाल लियेशराब माफिया ने समर्थकों की मदद से होटल के अधिकांश कीमती सामान हटा दिये थे। चूंकि डीएम ने जब्ती का आदेश पहले ही दिया था। कार्रवाई में देर हुई। इससे दोनों भाइयों को होटल खाली करने का मौका मिल गया। हस्ताक्षर करने से कतराते रहे लोगदोनों भाइयों के डर के कारण यहां सीज की कार्रवाई के दौरान लोग मौजूद थे लेकिन कोई पास नहीं आ रहा था। पुलिस ने कार्रवाई के चश्मदीद के तौर पर लोगों से हस्ताक्षर लेना चाहा तो जल्द कोई तैयार नहीं हुआ।