यात्रीगण! अब अपने मोबाइल स्क्रीन पर देखें, रेलवे के किचन में क्या पक रहा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) दिल्ली के बाद अब कानपुर में भी अत्याधुनिक बेस किचन तैयार कर रहा है। इसमें खाना बनने से लेकर पैक होने तक की प्रक्रिया यात्री मोबाइल फोन पर देख सकेंगे। इसके लिए बस उन्हें आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाना होगा। बेस किचन में मशीनों की मदद से एक दिन में करीब 10 हजार लंच पैकेट तैयार किए जाएंगे और यात्रियों को गुणवत्तायुक्त भोजन मिलेगा। खाने के परीक्षण के लिए टेटिंग लैब भी प्रस्तावित है।
सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइट में तैयार हो रहे किचन में खाना रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) वाटर से पकेगा। इसके लिए आरओ प्लांट लगाया जा रहा है। किचन में कार्यालय के साथ ही पराठा, स्टोर, पैकिंग और धुलाई के पांच सेक्शन होंगे।
बिना सिर ढंके पहुंचे तो स्क्रीन शॉट उच्चाधिकारियों के पास
बेस किचन में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे अपलोड किए गए सॉफ्टवेयर सिस्टम पर काम करते हैं। अगर कोई कर्मचारी या व्यक्ति बिना सिर ढंके किचन में पहुंचा तो उसका स्क्रीन शॉट दिल्ली में बैठे अधिकारियों तक स्वत: पहुंच जाएगा।
ऐसे देख सकते खाना बनते हुए
किचन में खाना बनते और पैकिंग देखने के लिए आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर किचन का ऑप्शन खोलना होगा। पैकिंग सेक्शन की व्यवस्था पारदर्शी होगी ताकि प्लेटफार्म पर लगी एलईडी स्क्रीन पर भी यात्री देख सकें। आइआरसीटीसी प्रबंधक अमित सिन्हा ने बताया कि मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, पटना, हावड़ा और दिल्ली में ऐसे किचन है। इसके बनने से खाने की गुणवत्ता बढऩे के साथ व्यवस्था पारदर्शी होगी।
बचे खाने से बनेगी खाद
बचे खाने का प्रयोग खाद बनाने में होगा। इसके लिए वर्मी कंपोस्ट प्लांट भी कैंट साइड में लगेगा।
इन मशीनों में पकेगा भोजन
कॉम्बी ओवन : इसमें 40 ट्रे किट लगी होती हैं। इसमें 20 किग्रा चावल 12 मिनट में पकेंगे। 10-12 किग्रा दाल भी इतने समय में पक जाएगी। इसमें मिक्स वेज, कचौड़ी, सब्जी, फ्राइड आइटम बन सकेंगे।
ब्रेट पैन : 150 लीटर की क्षमता होती है। इसमें 50 किग्रा पनीर 40 किग्रा ग्रेवी के साथ 15 मिनट में तैयार हो जाएगा।
ब्वायलिंग केटल : इसकी क्षमता भी 150 लीटर है। 15-20 मिनट में सूप और दाल तैयार की जा सकती है।
रोटी मशीन : आटा गूंथने के साथ ही यह मशीन एक घंटे में एक हजार फुल्का रोटी तैयारी करेगी।
वॉक इन कूलर : दो बड़े कमरेनुमा स्थान पर इसे लगाया जा रहा है। इसमें अंदर जाकर खाना रखने की व्यवस्था होगी। इससे आठ से 10 घंटे खाना फ्रेश रहेगा।
बेस किचन के आंकड़ों पर एक नजर
- 4-5 कैमरे लगाए जाएंगे पूरे किचन में
- 4-5 माह में तैयार हो जाएगा बेस किचन
- 1.50 करोड़ रुपये से तैयार होगा।
- 50 लाख रुपये से किचन निर्माण होगा।
- 01 करोड़ रुपये से मशीनें लगाई जाएंगी।
- 50-55 किचन में कर्मचारी काम करेंगे।
- 10 हजार लंच पैकेट रोजाना तैयार होंगे।