डायबिटीज और मोटापा वाले कोरोना मरीजों में मौत का खतरा अधिक
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) वाले युवा वयस्कों में आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं, लेकिन एक नए शोध के अनुसार, 35 से कम उम्र के लोगों में मोटापे, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के साथ जटिलताओं और मृत्यु का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
अमेरिका में 419 अस्पतालों में 1 अप्रैल से 30 जून के बीच कोविड -19 के लिए अस्पताल में भर्ती 3,222 युवा वयस्कों (18-34 वर्ष की आयु) की क्लीनिकल प्रोफाइल का विश्लेषण करने पर पता चला कि उनमें से 21% को गहन देखभाल की जरूरत है, 10 % आवश्यक यांत्रिक वेंटिलेशन, और 2.7% की मृत्यु हो गई। जेएएमए आंतरिक चिकित्सा में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार युवा वयस्कों में मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप सबसे आम जोखिम कारक थे, इनमें से एक से अधिक स्थितियों में जोखिम का सामना करना पड़ रहा था।
अध्ययन में पाया गया कि अस्पताल में भर्ती हुए युवा वयस्कों में 36.8% मोटापे से ग्रस्त थे, 24.5% लोग अच्छे खासे मोटे थे, 18.2% को मधुमेह था, और 16.1% को उच्च रक्तचाप था।
कोरोना से जूझते हुए देश और दुनिया का आज लंबा वक्त हो चुका है। इस वायरस के चलते लाखों लोगों की जान गई लेकिन भारत रिकवरी के मामलों में अब भी काफी बेहतर स्थिति में है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी से अनुसार भारत में कोविड- 19 से ठीक होने वालों की संख्या में अभूतपूर्व उछाल देखने को मिला है। पिछले 29 दिनों में ठीक हुए रोगियों में 100% से अधिक वृद्धि हुई है। ये देश के लिए बड़ी राहत है।
इधर, एस्ट्रेजेनिका की तरफ से ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगाने के बाद अब भारत में भी इस दवा को तैयार कर रही सीरम इंस्टीट्यूट ने इसके ट्रायल को फिलहाल रोकने का ऐलान किया है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की तरफ से कारण बताओ नोटिस मिलने के एक दिन बाद भारतीय दवा निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि वह देश में कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल को रोक रही है। सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन की एस्ट्रेजेनिका के साथ तैयार कर रही है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा- “हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और भारत में कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल को एस्ट्रेजेनिका की तरफ से दोबारा शुरू करने तक रोक रहे हैं। हम ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और इस मामले में ट्रायल को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।”