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उत्तर प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की जमीन पर बने सभी सार्वजनिक शौचालय होंगे ध्वस्त

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विद्या के मंदिर यानी विद्यालयों की जमीन पर बने सभी अवैध सार्वजनिक शौचालयों को ध्वस्त किया जाएगा। इसके साथ ही जहां पर यह निर्माणाधीन हैं, वहां पर भी काम आगे नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी स्कूल की जमीनों पर अवैध रूप से बने सभी सार्वजनिक शौचालयों के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है।

बेसिक के साथ ही प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिलों में सभी बीएसए तथा डीआइओस को निर्देश दिया है कि यदि कोई भी सार्वजनिक शौचालय स्कूल परिसर में आता है तो तत्काल उसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अगर कहीं पर भी इसका निर्माण चल रहा है तो भी उसको तुरंत रोका जाए। विभाग ने कहा कि कई जगह से इस बाबत शिकायत आ रही हैं कि स्कूल प्रांगण में सार्वजनिक शौचालय के छात्र-छात्राओं के साथ सभी शिक्षकों को इससे काफी परेशानी होती है।

सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि स्कूल की भूमि पर कोई सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं हो। महानिदेशक स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश विजय किरण आनंद ने कहा कि यह पता चला है कि कई जगह पर जिला प्रशासन ने स्कूलों के प्रांगण में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया है। इसके लिए सभी जगह पर जिला प्रशासन को भी निर्देश दिया गया है कि सरकारी स्कूल की भूमि का उपयोग अब से सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के लिए न हो। जहां पर बने हैं, उनको अविलंब ध्वस्त कराने की प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया जाए।

सार्वजनिक शौचालय से छात्र-छात्राओं के साथ स्कूल स्टॉफ की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है। इसके साथ ही स्कूल प्रांगण में सार्वजनिक शौचालय होने से बच्चों में संक्रमण भी फैल सकता है। वहां पर तो नियमित रूप से सफाई भी नहीं की जाती है। विजय किरण आनंद ने कहा कि हम इतना बड़ा खतरा उठाने को तैयार नहीं हैं। अब जल्दी ही स्कूलों में बने सार्वजनिक शौचालय को तोड़ा जाएगा।

एक महीने पहले दर्ज कराई गई थी परेशानी
शहरों के साथ ही गांव में भी ग्राम पंचायतों ने परिषदीय स्कूलों के परिसरों में सार्वजनिक शौचालय बनवा दिया है। इसे लेकर वहां की जनता, छात्र छात्राएं, शिक्षक सभी परेशान हैं। प्रदेश की ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक शौचालय बनवाने की जिम्मेदारी प्रधान पास है। प्रदेश में कई जगह प्रधानों ने सार्वजनिक शौचालय बनवाने के लिए सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इससे परेशान लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी तक शिकायत की है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कई ग्राम पंचायतों से आम जनता, विद्याॢथयों और शिक्षकों के माध्यम से ऐसी ही शिकायतें मिली है। बेसिक शिक्षा मंत्री के आदेश पर सभी जिलाधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी और बीएसए को निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों से बनाए जा रहे है।

सार्वजनिक शौचालय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसरों में ना बनाये जाएं। मंत्री ने कहा कि स्कूल के परिसर सिर्फ विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के उपयोग के लिए है। स्कूल परिसर में सार्वजनिक शौचालय से विद्यार्थी व शिक्षकों को असुविधा होगी। स्कूल बंद होने के बाद गांव के लोग भी उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे। इस मामले में जिन ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने ऐसा किया उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सिद्धार्थनगर, गोंडा, जौनपुर, पश्चिम, बिजनौर, बुलंदशहर समेत तमाम जगह से शिकायतें आयी हैं।
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