श्रीराम तीर्थ ट्रस्ट बनाकर मंदिर के लिए मांग रहे थे चंदा, अध्यक्ष गिरफ्तार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. मेरठ में श्रीराम तीर्थ ट्रस्ट बनाकर अयोध्या में मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा वसूली कर ठगी का मामला सामने आया है। विश्व हिन्दू परिषद(विहिप) ने इसे अवैध बताया है। विहिप की शिकायत पर मेडिकल पुलिस ने ट्रस्ट कार्यालय को बंद करा दिया है। ट्रस्ट अध्यक्ष नरेन्द्र राणा को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। विहिप ने कहा है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए कोई चंदा फिलहाल नहीं लिया जा रहा है।
विहिप के महानगर संयोजक अर्जुन राठी, महानगर मंत्री निमेष वशिष्ठ ने बताया कि गढ़ रोड स्थित गांव जिठौली में मंदिर से कुछ लोगों ने यह एनाउंसमेंट कराया कि वे अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। चंदा लेने के लिए वह शनिवार को आएंगे। विहिप कार्यकर्ता दिग्विजय सिंह तोमर ने इसकी सूचना अपने पदाधिकारियों को दी। विहिप पदाधिकारियों ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खाता संख्या जारी कर रखा है। उसी खाते में मंदिर निर्माण सहयोग राशि ली जा रही है। इसके अलावा चंदा वसूली का कोई आदेश या अधिकार नहीं है। व्यक्तिगत तौर से कोई चंदा नहीं वसूल सकता।
विहिप, बजरंग दल के दर्जनों कार्यकर्ता गांव जिठौली में मंदिर पर पहुंचे। उन्होंने एनाउंसमेंट करने वालों की जानकारी ली। इसके बाद श्रीराम तीर्थ ट्रस्ट के जागृति विहार स्थित कार्यालय पर पहुंचे। यहां ट्रस्ट अध्यक्ष नरेंद्र राणा निवासी गांव कुरालसी, मुजफ्फरनगर मौजूद मिला। चंदा इकट्ठा किसके आदेश पर हो रहा है, वह इसकी जानकारी नहीं दे पाया। विहिप पदाधिकारियों की सूचना पर मेडिकल थाना पुलिस आ गई। पुलिस ने ट्रस्ट के दफ्तर को बंद करा दिया और नरेंद्र को पूछताछ के लिए थाने पर ले गई। इस मामले में विहिप के जागृति विहार प्रखंड मंत्री अर्जुन त्यागी ने मेडिकल थाने में नरेंद्र राणा व अज्ञात को नामजद करते हुए तहरीर दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर नरेन्द्र राणा को गिरफ्तार कर लिया है।
मुकदमा दर्ज, एक गिरफ्तार
पूनम सिरोही, सीओ, सिविल लाइन ने बतया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा वसूली को लेकर ट्रस्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नरेन्द्र राणा को गिरफ्तार कर लिया है। पूरे मामले में विस्तृत जांच जाकी जा रही है।
मामला ठगी का है
मधुबन आर्य, महानगर प्रचार प्रमुख, विहिप का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर इस तरह चंदा वसूली का कोई आदेश विश्व हिन्दू परिषद की ओर से नहीं दिया गया है। यह मामला ठगी का है। संगठन ने तुरंत कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज कराया है। लोगों से अपील है कि इस तरह मंदिर निर्माण के नाम पर किसी को चंदा न दें।