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BRD Medical College की बड़ी लापरवाही: शुगर की बीमारी नहीं थी, कोरोना मरीज को 10 दिन तक दिया इंसुलिन का डोज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में एक और बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। एक ऐसे मरीज को 10 दिन तक इंसुलिन का इंजेक्शन दिया गया, जिसे शुगर था ही नहीं।
धर्मशाला बाजार निवासी 50 वर्षीय अनिल गुप्ता को सांस लेने में दिक्कत होने पर 18 अगस्त को स्वजन उन्हें मेडिकल कॉलेज ले गए। वहां एंटीजन किट से कोरोना जांच करने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया गया। अनिल गुप्ता ने बताया कि उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था। वहीं पर खून की जांच हुई। जांच में शुगर की रिपोर्ट सामान्य आई। इसके बावजूद डॉक्टर ने बीएचटी (पर्चा) पर इंसुलिन की डोज लिख दी। उसके बाद से 10 दिन तक इंसुलिन की डोज दी गई। 10 दिन बाद जब उन्हें आइसीयू से निकालकर लेवल-टू के वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहां मौजूद डॉक्टर बीएचटी देखकर हैरान हो गए। मातहतों को फटकार लगाई और फौरन इंसुलिन बंद कराया।

जा सकती थी जान
फिजिशियन डॉ. गौरव पांडेय के अनुसार जिसे शुगर नहीं है, उसे इंसुलिन देना खतरनाक और जानलेवा है। अचानक शुगर लेवल सामान्य से नीचे चले जाने पर मरीज कोमा में जा सकता है। 80-85 फीसद मामलों में मौत की आशंका रहती है। इसके बाद भी यदि मरीज स्वस्थ है तो उसे कुछ दिन नियमित अपने शुगर लेवल की निगरानी करनी चाहिए। किसी योग्य चिकित्सक के संपर्क में रहना चाहिए। 

प्राचार्य ने कहा
मामला संज्ञान में नहीं है। इसके बारे में पता करेंगे। लेकिन ऐसा संभव नहीं है। शुगर न हो तो इंसुलिन देने पर मरीज बेहोश हो जाएगा। ऐसे लोग यहां ठीक हो जाते हैं और बाहर जाकर प्रोपगंडा खड़ा करते हैं। जब तक यहां रहते हैं कुछ नहीं कहते। - डॉ. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

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