PM मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को वास्तविकता में परिवर्तित करने के निरंतर प्रयास में UP - CM योगी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के दौर में भी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर ही रखने में व्यस्त हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर उद्योग बंधु उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति की बैठक में उनके साथ मौजूद उद्योग जगत से जुड़े लोगों के साथ मंडल मुख्यालय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रतिनिधियों को संबोधित किया।
उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने उद्योग बंधु उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति की बैठक में बड़ी पहल की है। इस बैठक में उन्होंने निवेशकों और औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वार्ता की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को वास्तविकता में परिवॢतत करने के लिए उत्तर प्रदेश निरंतर प्रयासरत है। हम उत्तर प्रदेश में औद्योगिकीकरण के एक नए युग को आगे ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमको भरोसा है कि इसमें आप सभी का हमको पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने का हमारा यह प्रयास न सिर्फ उत्तर प्रदेश के औद्योगीकरण और विकास की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाएगा बल्कि व्यापक पैमाने पर युवाओं हेतु रोजगार की सम्भावनाओं को भी आगे बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उद्यमियों व निवेशकों के साथ शासन, प्रशासन और हमारी फील्ड यूनिट ने जो टीमवर्क का प्रयास प्रारम्भ किया, वह इस दिशा में सफलता के नए आयाम को छूता दिखाई दिया। इस दिशा में भी हमने एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी के विकास को भी हमने सुनिश्चित किया है। इन सुधारों में व्यापार से सम्बंधी जो 12 रेगुलेटरी क्षेत्र थे वह भी सम्मिलित थे, जिनमें सूचना की सुगमता, सिंगल विंडो सिस्टम, श्रम कानूनों में सुधार और पर्यावरण से सम्बंधित स्वीकृतियों को प्रदान करने की जो प्रक्रिया थी उसमें हमने व्यापक सुधार किए हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विंडो क्लियरेंस प्लेटफॉर्म में से एक है राज्य का निवेश मित्र पोर्टल। इस पोर्टल के माध्यम से ही हमने 98 फीसदी उच्च समाधान दर और 94 प्रतिशत स्वीकृतियां जारी की हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश, देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में आठ प्रतिशत का योगदान भी कर रहा है। देश की सबसे अधिक 24 करोड़ की आबादी उत्तर प्रदेश में निवास करती है। हमारा प्रदेश, देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। यह एक युवा राज्य है। हमारी लगभग 60 प्रतिशत आबादी कामकाजी और ऊर्जावान है, इसलिए इस बड़ी आबादी को प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास की अनेक सम्भावनाओं के साथ जोड़कर देख सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कालखंड में 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार और श्रमिक प्रदेश में आए। हमने स्किल मैपिंग कर उन्हेंं रोजगार देने का भी कार्य किया गया। आने वाले समय में हमारी योजना, इस अपार ऊर्जा के स्रोत को अपने यहां रोककर प्रदेश के विकास के साथ उसे जोडऩे की है। उन्होंने कहा कि आज का संवाद वैश्विक महामारी कोरोना कालखंड में उद्यमियों और निवेशकों के मन में उपजी चिंताएं दूर करने व उन्हेंं आश्वस्त करने के लिए है। हमने साबित किया कि उत्तर प्रदेश पिछले तीन-साढ़े तीन वर्षों में देश में निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य बना है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के परसेप्शन के बारे में देश और दुनिया में बहुत स्पष्ट संदेश है। जिन्होंने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है या निवेश करने के इच्छुक हैं, वह इस वातावरण से परिचित भी हैं। वर्तमान में हम सदी की सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण स्थिति में खड़े हैं। पूरी दुनिया में लोगों के सामने ढेर सारी चुनौतियां हैं। छह माह में जो चीजें दुनिया ने देखी हैं, उन स्थितियों में उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में हम इस संवाद के लिए साथ बैठे हैं। मैं प्रारम्भ से ही इस बात का पक्षधर रहा हूं कि संवाद के माध्यम से हमें समस्याओं के समाधान का रास्ता निकालना चाहिए और पिक एंड चूज की बजाय पॉलिसी बनाकर एक समय सीमा में इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन्वेस्ट यूपी की उच्चस्तरीय प्राधिकृत समिति की बैठक में उपस्थित सभी माननीय मंत्रियों, अधिकारियों, उद्यमीगण एवं निवेशकगणों के साथ संवाद करने में मुझे प्रसन्नता की अनुभूति हुई है। इस बैठक में मुख््यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तथा मुख्य सचिव आरके तिवारी के साथ शासन के सभी शीर्ष अधिकारी थे।