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उत्तर प्रदेश में नवम्बर से जनवरी तक इस साल जन्मे बच्चों को लगेगा टीका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. लॉकडाउन के दौरान तमाम व्यवस्थाओं के बाधित होने के कारण सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण नहीं हो पाया। नतीजा प्रदेश के अनलाॅक होने के बाद भी बड़ी संख्या में बच्चे टीकाकरण से वंचित रह गए। इसके मद्देनजर राज्य सरकार इस वर्ष जन्म लेने वाले बच्चों का अक्तूबर में व्यापक अभियान चलाकर ब्योरा जुटाएगी और नवम्बर से जनवरी तक इनका टीकाकरण किया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में जब से कोरोना प्रारम्भ हुआ, तब से बहुत बच्चे टीकाकरण से छूट गए। इसलिए सरकार ने निर्णय किया है कि  1 अक्तूबर से 15 अक्तूबर तक संचारी रोगों की रोकथाम के लिए चलने वाले दस्तक अभियान में इस पर भी काम किया जाएगा। इस दौरान आशा वर्कर और आगंनबाड़ी कार्यकत्रियां घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, चिकनगुनिया, जेई-एईएस आदि संचारी रोगों के प्रति जागरूक करेंगी। कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों की जानकारी जुटाएंगी। वहीं वह टीकाकरण से वंचित रह जाने वाले बच्चों की भी पूरी सूची तैयार करेंगी। इस तरह 15 दिनों में पूरे प्रदेश में इस वर्ष जन्म लेने वाले बच्चों की खोजबीन करते हुए उनका ब्योरा जुटाया जाएगा। 

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग 55 लाख बच्चों का जन्म होता है। ये बच्चे हमारे भविष्य हैं। इनके टीकाकरण की कार्रवाई बेहद अहम है, क्योंकि इनकी बदौलत ये कई गम्भीर बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। इसलिए अक्तूबर में टीकाकरण से वंचित बच्चों की पूरी जानकारी एकत्र होने के बाद  ‘छूटेगा न कोई बच्चा, लगेगा सबको टीका’  को सूत्र वाक्य मानकर नवम्बर से तीन महीनों तक प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। इसमें सभी बच्चों का टीकाकरण कराया जाएगा। इस दौरान सामान्य टीकाकरण से लेकर जरूरत के मुताबिक बूस्टर भी डोज दी जाएगी।
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