पशुधन फर्जीवाड़ा: मंत्री के निजी सचिव समेत 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में पशुधन राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित और सचिवालय के होमगार्ड रघुबीर यादव समेत 10 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया। ये सभी आरोपी इस समय जेल में है। इसमें छह सितम्बर को ही राज्यमंत्री से भी विवेचक ने पूछताछ की थी। इस मामले में कई और लोगों के खिलाफ सुबूत मिले हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्दी ही करने का दावा किया जा रहा है।
इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया ने इस फर्जीवाड़े के जरिये नौ करोड़ 72 लाख रुपये हड़पने की एफआईआर इसी साल 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में दर्ज करायी थी। मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ ने की थी। जांच में आरोप सही मिलने पर एफआईआर के आदेश हुए थे। एसटीएफ ने 14 जून को पशुधन राज्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव ललित देव, पत्रकार आशीष राय, एके राजीव, अनिल राय, उमाशंकर और रूपक राय को गिरफ्तार किया था। इसके सात दिन बाद उनके मददगार रहे सचिन वर्मा और त्रिपुरेश पाण्डेय फिर होमगार्ड रघुबीर को भी गिरफ्तार कर लिया था। एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने इन सभी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।
एक दिन पहले ही अभियोजन स्वीकृति मिली थी
पुलिस को उनके खिलाफ साक्ष्य कई दिन पहले मिल गए थे। पर सचिवालय में तैनात होने की वजह से प्रधान निजी सचिव रजनीश व होमगार्ड रघुबीर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने से पहले अभियोजन की स्वीकृति लेनी थी। इसके लिए शासन को पत्र लिखा था। इस पर सचिवालय से चार्जशीट लगाने की अनुमति मिल गई थी। जल्दी ही पुलिस अब आगे की कार्रवाई करेगी। इस फर्जीवाड़े की जांच में दो डीआईजी अरविन्द सेन और दिनेश चन्द्र दुबे को निलम्बित किया जा चुका है। साथ ही फर्जीवाड़े में अहम भूमिका निभाने वाले हेड कांस्टेबिल दिलबहार यादव की तलाश तेज कर दी गई है।