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विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज का भांजा परवेज गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के सहयोगी और फरार अपराधी मेराज अहमद का भांजा परवेज अहमद रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। मुन्ना बजरंगी गैंग के सूचीबद्ध सदस्यों में एक परवेज पर 21 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह कैंट थाने का हिस्ट्रीशीटर है। मेराज के नाते नदेसर निवासी परवेज अहमद भी मुख्तार से जुड़ा है। मेराज के नाम पर वह धन उगाही और दूसरे के मकानों पर कब्जा करवाता रहा है। कैंट पुलिस ने परवेज को नदेसर स्थित उसके मकान के बाहर से गिरफ्तार किया। मूलत: गाजीपुर में करीमुद्दीनपुर के महेन गांव निवासी परवेज का नदेसर में भी मकान है। परवेज अहमद के खिलाफ वाराणसी और जौनपुर के अलग-अलग थानों में मारपीट, बलवा, जान से मारने की धमकी, धोखाधड़ी समेत कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। साल 2004 से परवेज अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा है। साल 2007 में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। परवेज को गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह, एसएसआई इन्द्रकान्त मिश्रा, नदेसर चौकी प्रभारी अशोक कुमार, चौकी प्रभारी कचहरी दीनदयाल पांडेय पांडेय, सिपाही रामानन्द यादव, बनवीर सिंह व मनीष श्रीवास्तव शामिल थे।

आठ असलहों के लाइसेंस रद, छह जब्त

मेराज अहमद पर जैतपुरा थाने में पांच सितंबर को पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण में फर्जीवाड़ा करने पर मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद से वह फरार है। पुलिस ने उसके नजदीकियों के संबंध में जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला कि उन्होंने भी आपराधिक मुकदमे छिपाते हुए फर्जी पते के आधार पर लाइसेंस का नवीनीकरण कराते चले आ रहे थे। इस आधार पर डीएम ने मेराज समेत कुल आठ के लाइसेंस रद कर दिये हैं। छह असलहे जब्त कर लिये गये हैं।


मेराज ने करीबियों के शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण में भी किया फर्जीवाड़ा

बाहुबली मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज अहमद पर कैंट थाने में शुक्रवार देर रात तीन मुकदमे दर्ज किये गये। एक मुकदमा नदेसर स्थित भांजे के घर के पते पर जारी रिवाल्वर के लाइसेंस के नवीनीकरण में धोखाधड़ी का है। इस फर्जीवाड़े में मेराज का भांजा परवेज भी शामिल था। इसके अलावा मेराज के चालक वसीम और दिलशाद के नाम से भी नदेसर के पते पर ही शस्त्र लाइसेंस जारी कराए गए थे। इनके शस्त्र और लाइसेंस इस समय मेराज के पास हैं। मेराज ने इनका भी नवीनीकरण थाने का फर्जी मुहर व रिपोर्ट लगाकर करवाया था। मूलत: सिंधोरा के बउली बाजार निवासी वसीम अहमद, मेराज का चालक रहा है। इन दिनों वह दुबई में है। पुलिस ने उसकी डबल बैरल बंदूक के लाइसेंस के संबंध में जानकारी ली। 


वसीम ने बताया कि उसका मूल पता छिपाते हुए नदेसर के पते पर मेराज ने उसके नाम पर शस्त्र लाइसेंस जारी कराया था। ड्राइवरी के दौरान वह मेराज के साथ असलहा लेकर चलता था। बाद में दुबई चला गया। तब उसका शस्त्र मेराज ने ही रख लिया और फर्जी तरीके से उसका नवीनीकरण कराता रहा। एक अन्य नजदीकी गाजीपुर के महेन निवासी दिलशाद अहमद के नाम से भी नदेसर के पते से रिवाल्वर का लाइसेंस जारी कराया गया था। दिलशाद रिवाल्वर लेकर मेराज के साथ चलता था। जब गाजीपुर के महेन में पुलिस उसके घर पहुंची तो परिजनों ने दिलशाद से फोन से बात कराई। पुलिस के मुताबिक दिलशाद ने बताया कि उसका शस्त्र व लाइसेंस मेराज के पास है। कैंट थाने में उक्त मुकदमे इंस्पेक्टर राकेश सिंह और नदेसर चौकी प्रभारी अशोक कुमार की तहरीर पर दर्ज हुए हैं।

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