इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- BHU के लापता छात्र को पुलिस बरामद करें या फिर CBI जांच को रहें तैयार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी के पुलिस हिरासत से लापता होने के मामले में सख्त रुख अख्तियार किया है। चेतावनी के लहजे में हाई कोर्ट ने कहा है कि लापता छात्र को खोज निकालें नहीं तो कोर्ट मामले को अन्य जांच एजेंसी को सौंपने पर विचार करेगी। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि वाराणसी पुलिस या तो छात्र को बरामद करें या फिर सीबीआई जांच को तैयार रहे। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 22 सितंबर नियत करते हुए एसएसपी वाराणसी को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की जनहित याचिका पर दिया है। वहीं, वाराणसी एसएसपी अमित पाठक ने अपर शासकीय अधिवक्ता सैयद अली मुर्तजा के मार्फत हाजिर होकर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया। इससे पहले सील कवर लिफाफे में पेश दस्तावेजों को खोलकर देखा गया। याची अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कोर्ट से एसएसपी के हलफनामे का जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। उसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सील कवर लिफाफे में दाखिल दस्तावेजों की प्रति भी सौरभ को देने का आदेश दिया, ताकि वे जवाब दाखिल कर सकें।
लगभग छह महीने पहले बीएचयू के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी को लंका थाना पुलिस बुलाकर ले गयी थी। उसके बाद से वह लापता है। पुलिस कह रही है कि दूसरे दिन वह कहीं चला गया। उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला। अपर महाधिवक्ता ने कहा था कि एक विक्षिप्त व्यक्ति मिला है, जिसका डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। लेकिन, एसएसपी कोई ठोस जानकारी नहीं दे सके।
यह है मामला : काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी का बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र शिवकु मार त्रिवेदी 12 फरवरी 2020 से लापता है। विश्वविद्यालय के एमपी थियेटर से लंका थाना के दो सिपाही उसे पकड़ कर ले गये थे। इसके बाद से वह लापता है। शिवकुमार के पिता ने पुलिस से अपने बेटे की जानकारी मांगी। लेकिन, पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर चीफ प्राक्टर कार्यालय के मार्फत 16 फरवरी को शिकायत दर्ज करायी गयी। लेकिन, शिवकुमार का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।