इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द की पीएम केयर फंड पर की गई टिप्पणी पर दर्ज FIR
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. सोशल मीडिया पर पीएम केयर फंड पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक नेता को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत देते हुए इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) रद्द कर दी है. जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस अनिल कुमार की डिवीजन बेंच ने याची नंद लाल यादव की याचिका पर यह आदेश दिया है.
नंदलाल यादव ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे
गौरतलब है कि एटा के मिरहची थाना क्षेत्र में इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य व शिक्षक नेता नंदलाल यादव ने पीएम केयर फंड की पारदर्शिता को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी की थी. जिसका संज्ञान लेते हुए एसएसपी एटा के निर्देश पर मिरहची थाने की पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत एफआईआर दर्ज की थी. जिसके खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि धारा 66 ए आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है. इसके बावजूद यूपी पुलिस इस धारा में मुकदमे दर्ज कर रही है.
कोर्ट ने अधिकारी को रिकॉर्ड के साथ तलब किया था
कोर्ट ने एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मानते हुए विवेचना अधिकारी को रिकॉर्ड के साथ तलब किया था. याचिका अधिवक्ता सुनील यादव का कहना था कि आईटी एक्ट की धारा 66ए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लंघन है और श्रेया सिंघल के चर्चित केस में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 66ए को गैरकानूनी घोषित कर दिया था. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश की पुलिस निरस्त धारा 66ए के तहत मुकदमा दर्ज कर आम लोगों को प्रताड़ित कर रही है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्राथमिकी रद्द कर दी है. एफआईआर रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर याची के वकील सुनील यादव और याची नंदलाल यादव ने संतोष जताया है.