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वायुसेना के एरियल सर्वे ने खोल दी कानपुर की टेनरियों की पोल, CM योगी को पत्र लिखकर दी जानकारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. एरियल सर्वे के बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वायुसेना स्टेशन कानपुर के एयर कमोडोर बंद टेनरियां चलने की कलई खोल दी लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन कारखानों को बख्श दिया। बोर्ड अफसरों ने ग्लू फैक्ट्रियों और चमड़ा सुखा रहे लोगों पर ही कार्रवाई कर मामला रफा-दफा कर दिया। बोर्ड के अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि इतनी बड़ी कार्रवाई पहले नहीं हुई। वह टेनरियों के संचालन की बात नकार रहे हैं जबकि एसीएम स्वीकार कर रहे हैं कि बंद टेनरियों की जांच ही नहीं की गई। 
एयर कमोडोर डीबी मुरली ने चकेरी एयरपोर्ट के आसपास बड़े पक्षियों के उडऩे से विमानों को खतरा बताते हुए पिछले माह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा था। उन्होंने शिकायत की थी कि जो टेनरियां बाहर से बंद दिखती हैं, उनमें तमाम गतिविधियां चल रही हैं। मामला वायुसेना और मुख्यमंत्री से जुड़ा था, इसलिए ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की गई लेकिन यह कार्रवाई ग्लू फैक्ट्रियों पर हुई। कार्रवाई करने वाली इस टीम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक पर्यावरण अधिकारी अनिल माथुर और एसीएम द्वितीय अमित राठौर थे। अनिल माथुर के मुताबिक 20 ग्लू फैक्ट्रियां ध्वस्त कर 16 लोगों पर रिपोर्ट कराई। दो-तीन जगह चमड़े की छीलन पड़ी थी, उसे हटवाया। चमड़ा सुखाने के लिए बनाए गए लकड़ी के बोर्ड उखड़वाए गए।

वायुसेना की शिकायत को अप्रत्यक्ष तौर पर नकारते हुए बोले, किसी भी बंद टेनरी में काम नहीं होता है। जो लोग फिनिश्ड लेदर से जूते और बेल्ट बना रहे हैं, उनका काम नहीं रोक सकते। शुक्रवार को भी जांच की कि कहीं ग्लू फैक्ट्री वाले दोबारा काम तो नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्ष से विभाग लगातार इन पर कार्रवाई करता रहता है लेकिन ये लोग हर बार फैक्ट्री बना लेते हैं। दूसरी ओर एसीएम द्वितीय अमित राठौर के मुताबिक बंद टेनरियों में जांच नहीं की गई थी।, वहीं क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी एके आनंद के मुताबिक अभी एक सितंबर को ही वह कानपुर आए हैं, इसलिए उनके पास जानकारी नहीं हैं।

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