Today Breaking News

सोनभद्र में कंपलिंग खुलने से मालगाड़ी के हुए दो हिस्से, विभाग में मची अफरातफरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, सोनभद्र। विंढमगंज- महुअरियां रेलवे स्टेशन के बीच गेट संख्या 46 सीई के पास सोमवार की सुबह कोयला लदी मालगाड़ी की कंपलिंग खुलने से वह दो हिस्से में बट गई। घटना की जानकारी रेलवे अधिकारियों को हुई तो अफरातफरी मच गई। जीआरपी के पहुंचने पर पायलट व गार्ड कड़ी मेहनत कर कंपलिंग जोड़ने में कामयाब हुए। इससे यह रेलवे रूट करीब एक घंटे तक बंद रहा। मालगाड़ी एनसीएल परियोजना से कोयला लेकर झारखंड राज्य की तरफ जा रहा था। 

विंढमगंज-महुअरियां रेलवे स्टेशन के बीच की यह घटना प्रात: आठ बजे की है। विंढमगंज के आउटर से महज कुछ मीटर पहले गेट नंबर 46 सीई पर कोयला लगे मालगाड़ी के 24 व 25 नंबर बोगी के बीच कंपलिग खुलने से वह दो हिस्से में बट गई। हालांकि कंपलिंग खुलने की जानकारी गार्ड ने वाकी-टाकी से पायलट को दी और मालगाड़ी रोक दी गई। गनीमत यही रही कि हल्की चढ़ाई होने के कारण पीछे का हिस्सा भी गतिमान नहीं था, वरना मालगाड़ी के रूकने से पिछला हिस्सा आगे से टकरा भी सकता था। आउटर के समीप घटना होने की वजह से पायलट ने वाकी-टाकी से विंढमगंज रेलवे स्टेशन मास्टर सत्यनारायण विश्वकर्मा को अवगत कराया।

स्टेशन मास्टर ने रेलवे कंट्रोल रूम को मामले की जानकारी देते हुए जीआरपी को घटना स्थल पर भेजा। इधर घटना की जानकारी मिलते ही रेणुकूट से कई रेलवे के अधिकारी मौके की तरफ रवाना हो गए। उधर जीआरपी के सहयोग से पायलट व गार्ड कंपलिंग को जोड़ने में कामयाब रहे। इसके बाद मालगाड़ी को झारखंड की तरफ रवाना किया गया। इससे करीब एक घंटे तक विंढमगंज-महुअरियां रेलवे मार्ग बंद रहा। वैसे इस दरम्यान इस रूट पर किसी मालगाड़ी या फिर यात्री ट्रेन का समय भी नहीं था। रेलवे स्टेशन मास्टर सत्यनारायण विश्वकर्मा ने बताया कि इस तरह की घटना कभी कभार होती है। कंपलिंग में खराबी से वह खुल जाता है।

रेलवे गेट पर वाहनों की लग गई लाइन 
प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण रुपेश प्रजापति, सुभाष कुशवाहा, धर्मेंद्र कुमार, सतीश कुमार, जितेंद्र प्रसाद व अमित प्रजापति ने बताया कि कोयला लदे मालगाड़ी के दो हिस्से में बटने से विंढमगंज रेलवे क्रासिंग को एक घंटे के लिए बंद करना पड़ा। जिसकी वजह से रेलवे क्रासिंग के दोनों तरफ छोटे व बड़े वाहनों की लाइन लगी रही। मालगाड़ी के रवाना होने के बाद गेट खुलने पर लोगों ने राहत की सांस ली है।
'