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आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह से सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने की मुलाकात, कहा- हम साथ हैं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। ‌सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भागीदारी संकल्प मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने आम आदमी पार्टी (आप) के यूपी प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह से शनिवार को मुलाकात की। संजय सिंह ने इस दौरान ओम प्रकाश राजभर का आभार व्यक्त करते हुए उनसे कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। दूसरी जातियों के साथ भेदभाव अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी में जो सरकार हो वह लोगों के लिए काम करें न कि किसा जाति विशेष के लिए।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार किसी एक जाति विशेष के लिए नहीं हो सकती है। उसे सभी वर्गों के लिए काम करना चाहिए। जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो योगी सरकार ने मेरे खिलाफ पांच जिलों में एफआईआर दर्ज करा दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक जाति की सरकार चल रही है। इस कारण एक जाति के विशेष अनावश्यक रूप से लोगों के बीच दुश्मनी पैदा हो रही है। ब्राह्मणों के मन में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि थानों तक की नियुक्तियों में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा जाए।

इस दौरान सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सच कहना बगावत है तो हम लोग बागी हैं। उत्तर प्रदेश में जो माहौल है संजय सिंह ने वही कहा है। सुहेलदेव समाज पार्टी संजय सिंह के साथ है। प्रदेश में सामाजिक सौहार्द, सामाजिक समरसता बनाए रखना हम सभी का मकसद है।

बता दें कि संजय सिंह के खिलाफ लखीमपुर, संतकबीरनगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर व ग्रेटर नोएडा में मुकदमा दर्ज कराए गए हैं। उन पर समाज को बांटने और सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाला बयान देने का आरोप है। इस पर सुभासपा ने आक्रोश जताते हुए 17 अगस्त को जिला केंद्रों पर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के खिलाफ पुलिस को दी गई तहरीर में कहा गया है कि 12 अगस्त को उन्होंने अपने सहयोगी सभाजीत सिंह और बृजकुमारी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में लोगों को चुन-चुनकर मारा जा रहा है। ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ब्राह्मण हैं, लेकिन वह आवाज नहीं उठाते। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक भी मौर्य का काम नहीं करा पाए। 

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